पेट्रोल मूल्यवृद्धि को लेकर हो रहे विरोध और तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक एवं राकांपा जैसे संप्रग घटक दलों की बढ़े हुई मूल्य को वापस लेने की मांग के कारण उत्पन्न स्थिति में सरकार के घिरे होने के बीच राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की.
इस मुद्दे पर विपक्ष ने भी सरकार पर हमले तेज कर दिये हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ने सरकार से इस स्थिति में कोई ऐसा उपाय निकालने के लिए कहा है जिससे आम आदमी पर मूल्यवृद्धि का विपरीत प्रभाव न पड़े. इसी मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक की अध्यक्षता की.
वर्ष 2011 में चार बार बढ़ी पेट्रोल की कीमत...
इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मौजूद नहीं थी. बैठक में प्रणव मुखर्जी, ए के एंटनी, पी चिदंबरम जैसे वरिष्ठ मंत्री और सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल मौजूद थे. पचास मिनट तक चली इस बैठक में काननू मंत्री सलमान खुर्शीद को भी बुलाया गया जो कोर ग्रुप के समूह नहीं थे.
कांग्रेस ने कहा कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए
पेट्रोल की कीमतों में बढोत्तरी को वापस लिये जाने की उठ रही मांगों के बीच कांग्रेस ने सरकार से कहा कि वह आम आदमी की परेशानियों को कम करने के लिए कोई रास्ता खोजे.
पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने यहां संवाददाताओं द्वारा पेट्रोल की कीमतों में बढोत्तरी के मुद्दे पर पूछे गये ढेर सारे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पार्टी चिंतित है. रास्ता निकाला जाना चाहिए और हमें यकीन है कि सरकार यह करेगी.
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अल्वी ने कहा कि रूपये की कीमतों में गिरावट और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढोत्तरी को देखते हुए तेल की कीमतों में बढोत्तरी लाजमी हो गयी थी और तेल कंपनियों द्वारा न मुनाफा न घाटा के सिद्धांत पर यह बढोत्तरी की गई है.