यूपी के फूलपुर में राहुल गांधी ने विधानसभा का चुनावी बिगुल फूंक दिया है. उन्होंने वहां जनता को संबोधित करते हुए अपने गुस्से का इजहार किया. वह गुस्सा जो उन्हें यूपी में व्याप्त भ्रष्टाचार और पिछड़ेपन को देख कर आता है.
राहुल ने जनता को संबोधित करते हुए कहा, ‘हिंदुस्तान तेजी से आगे की ओर बढ़ रहा है वहीं उत्तर प्रदेश पीछे की ओर जा रहा है. यहां माफिया लोग राजनीति में हैं. मैं 7 वर्षों से राजनीति में हूं. और इन सात वर्षों में मैंने हिंदुस्तान और यूपी में बहुत दौरे किए हैं. आप लोगों ने इन सात वर्षों में मुझे बहुत सिखाया है. आपने मुझे सिखाया कि नेताओं का काम जनता के बीच जाने का होता है और प्रगति को बढ़ाने का होता है.’
राहुल ने कहा, ‘जबतक नेता गरीब के घर खाना नहीं खाएगा. उसकी मजबूरी अपनी आंखों से नहीं देखेगा तबतक उस नेता को गरीबी की समस्या नहीं समझ आ सकेगी. जबतक नेता गरीबों के घर में कुंए का पानी नहीं पीएगा. जबतक उसका पेट खराब नहीं होगा और जबतक उसको बीमारी नहीं होगी, तबतक वो गरीबी नहीं समझ सकेगा.’
राहुल ने कहा, ‘जबतक एक नेता गरीब के घर में नहीं जाता, उसे गरीब के साथ हो रहे अत्याचार की समझ नहीं आ सकेगी.’
उन्होंने कहा, ‘पहले मायावती और मुलायम सिंह जैसे नेताओं में गरीबों के दर्द की समझ थी लेकिन अब उनमें यह सोच मर गई है. मैं बुंदेलखंड गया था वहां हर जगह सूखा पड़ा हुआ था. वहां लोगों के पास खाने को नहीं था, खेत सूखे पड़े हुए थे. दिल्ली सरकार ने मनरेगा का कानून बनाया था. कानून कहता है हर एक को रोजगार मिलेगा. मैंने बुंदेलखंड की महिलाओं से बात की उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी है उन्हें. आखिर मनरेगा पैसा कहां गया? यह पैसा मनरेगा में नहीं गया, पैसा कैलेंडर बनाने में खर्च किया गया.’
राहुल ने कहा, ‘हमने प्रधानमंत्रीजी से बुंदेलखंड के सूखे की चर्चा की. उन्होंने 7000 करोड़ की मदद की. हम वहां गए. पैकेज की बात की. लेकिन, पैकेज का पैसा कहीं नहीं दिखा. पैकेज में कुंआं बनाने की बात कही गई लेकिन कुंए में पैसा नहीं लगाया गया.’
राहुल ने कहा कि नुकसान किसी नेता का नहीं होता है. नुकसान गरीब का होता है, नुकसान किसानों का होता है. किसान पलायन करते हैं. बुंदेलखंड में ऐसा ही हुआ और आज वहां गांवों में सिर्फ महिलाएं ही बच गई हैं.’
राहुल ने बताया, ‘बुंदेलखंड के बाद मैं भट्टा परसौल गया. वहां किसानों पर गोलियां चलाई गई थीं. वहां महिलाओं पर अत्याचार किया गया. किसान अगर विरोध प्रदर्शन करे तो उन्हें नक्सली कहकर उनपर गोलियां चलाई जाती हैं. अत्याचार किया जाता है. किसानों के साथ अन्याय किया गया.’
राहुल ने कहा, ‘इसके बाद मैं अलीगढ़ में बुनकरों के घर में गया. वहां उन्होंने कहा कि उनकी इंडस्ट्री खत्म हो गई है. उन्होंने कहा पहले यहां लोग आते थे, बिजनेस चलता था लेकिन अब हम मजदूरी करते हैं. मैंने प्रधानमंत्री से उनकी दशा बताई तो उन्होंने बुनकरों के लिए 3000 करोड़ रुपये की मदद भेजी. इसपर बुनकर हमारे पास आए और कहा कि जो कमेटी बुनकरों के लिए बनी है उसमें बुनकर नहीं हैं और पैसा बुनकरों के पास नहीं जाएगा. तो हमने पैकेज बदलने की कोशिश की जिससे पैसा सीधे उनके अकाउंट में जाए.’
राहुल ने कहा, ‘यूपी में हर जगह भ्रष्टाचार है. बनने से पहले पुल गिर जाता है. उसमें पत्थर तो डाला जाता है लेकिन सीमेंट नहीं डाला जाता. बिना पैसे लिए एफआईआर दर्ज नहीं किया जाता. मिड-डे मिल का पैसा मंत्रियों की जेब में जाता है. जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत 1400 रुपया महिलाओं को मिलता है. लेकिन वो उन्हें नहीं मिल पाता.’
राहुल ने वहां प्रत्येक हिंदुस्तानी को भोजन का अधिकार देने की बात की. साथ ही उन्होंने यह सवाल भी उठा डाला कि यह अधिकार मिलने के बाद भी क्या यूपी में लोगों को भोजन मिलता है या नहीं.
राहुल ने कहा, ‘हम लोकपाल की बात करते हैं. एक ऐसा लोकपाल जो चुनाव आयोग की तर्ज पर बने. हम सख्त लोकपाल चाहते हैं. हम विकास की बात करना चाहते हैं.’
राहुल ने दलितों के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिए गए 60,000 करोड़ रुपये के पैकेज की बात भी कही. उन्होंने कहा कि जबतक उत्तर प्रदेश की जनता जागेगी नहीं. जबतक यूपी की जनता बदलाव नहीं लाएगी और किसी एक जाति बहुर की ही सरकार बनेगी वो पूरे यूपी की सरकार कभी नहीं बन सकती. आमआदमी की सरकार कभी नहीं बन सकती.
राहुल ने कहा, ‘जिस दिन आपने प्रगति की सरकार चुनी, विकास की सरकार चुनी तो तरक्की होना तय है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ही बदलाव ला सकती है. आपकी चुनी गई सरकारों ने सिर्फ भ्रष्टाचार किया है. जब तक विकास, प्रगति की बात नहीं की जाएगी यूपी आगे नहीं बढ़ेगा. मुझे यह देखकर गुस्सा आता है क्योंकि इस देश का विकास गरीब के विकास में है लेकिन सरकारें यह भूल गई हैं. आज भ्रष्टाचार है, मिनिस्टर जेल में हैं लेकिन प्रगति नहीं है.’
उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि युवाओं को आगे आना होगा.
राहुल ने कहा, ‘मैं दिल्ली से आपको देखता हूं. यहां आता हूं. गावों में दौरा करता हूं. आपका खाना खाता हूं. आपके दर्द को समझता हूं इसलिए मुझे गुस्सा आता है. कभी कभी सोचता हूं कि क्यूं ना मैं लखनऊ जाऊं और आपकी लड़ाई लड़ूं. जिस दिन आपकी सोच बदल गई, जिस दिन यूपी का युवा बदल गया उसदिन यूपी की तरक्की होना तय है.’