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कट्टरपंथी हिन्दू संगठन हैं भारत के लिए खतरा: राहुल गांधी

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर से कहा था कि लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के मुकाबले भारत में धार्मिक तनाव पैदा करने वाले ‘कट्टरपंथी हिन्दू समूहों’ की बढ़ोतरी देश के लिए अधिक खतरा पैदा कर सकती है.

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कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर से कहा था कि लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के मुकाबले भारत में धार्मिक तनाव पैदा करने वाले ‘कट्टरपंथी हिन्दू समूहों’ की बढ़ोतरी देश के लिए अधिक खतरा पैदा कर सकती है.

विकीलीक्स ने नई दिल्ली से भेजा गया एक गोपनीय अमेरिकी संदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रोमर के साथ कांग्रेस के लिए अगले पांच सालों में राजनीतिक विषयों सामाजिक चुनौतियों और चुनावी मुद्दों पर चर्चा की थी.

इस दस्तावेज में अमेरिकी राजनयिक के साथ राहुल की बातचीत का ब्यौरा दिया गया है जो जुलाई 2009 में अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के सम्मान में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा दिए गए दोपहर भोज के दौरान हुई थी.

संदेश के अनुसार क्षेत्र में लश्कर की गतिविधियों और इससे भारत को तात्कालिक खतरे के बारे में रोमर के सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि भारत में मुस्लिम समुदाय में कुछ तत्वों द्वारा इस समूह का समर्थन किए जाने के सबूत हैं.

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इसमें कहा गया, ‘हालांकि राहुल ने कहा कि कट्टरपंथी हिन्दू समूहों की बढ़ोतरी बड़ा खतरा पैदा कर सकती है जो मुस्लिम समुदाय के साथ धार्मिक तनाव और राजनीतिक टकराव पैदा करते हैं.’

तीन अगस्त 2009 को भेजे गए इस गोपनीय अमेरिकी राजनयिक संदेश में रोमर ने 20 जुलाई 2009 को राहुल के साथ दोपहर भोज के दौरान हुई बातचीत का ब्यौरा दिया है. इसके अनुसार राहुल गांधी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे भाजपा नेताओं द्वारा फैलाए जा रहे तनाव का जिक्र कर रहे थे.{mospagebreak}

इसमें कहा गया, ‘पाकिस्तान या देश के भीतर इस्लामी समूहों की ओर से हो रहे आतंकी हमलों की प्रतिक्रिया में ‘घरेलू मोर्चे’ पर चरमपंथ के उभरने का खतरा एक बड़ी चिंता का विषय है जिस पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है.’ रोमर द्वारा हस्ताक्षरित संदेश में कहा गया कि राजदूत के सामने बैठे राहुल ने आगामी महीनों में कांग्रेस और संप्रग सरकार के सामने आने वाली चुनौतियों का जिक्र करते हुए बेबाकी से बातचीत की.

विकीलीक्स पर गोपनीय संदेश चुराने का आरोप लगाने वाले अमेरिका ने इन संदेशों की प्रमाणिकता को न तो खारिज किया है और न ही इसकी पुष्टि की है. इसमें कहा गया, ‘पिछले चार सालों में उनसे संपर्क नहीं हो पाता था लेकिन हमारे विचारपूर्ण राजनीतिक रूप से संवेदनशील तथा रणनीतिक रुख से वह अमेरिका से संपर्क करने में रुचि ले सकते हैं.’

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रोमर ने भारत के युवा नेताओं तक पहुंच बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘हम उनसे (राहुल) तथा सांसदों की नयी पीढ़ी के अन्य होनहार युवा नेताओं से बातचीत के अन्य अवसर चाहेंगे.’ इसमें कहा गया, ‘राहुल ने बताया कि नयी संसद के लिए हाल में हुए चुनाव में 60 सदस्य या तो 45 साल या फिर इससे कम उम्र के हैं.’{mospagebreak}

संदेश के अनुसार राहुल ने जोर देकर कहा कि आगामी महीनों में उनका ध्यान महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव और स्थानीय स्तर पर पार्टी को मजबूत करने पर होगा. इसमें कहा गया, ‘उनका (राहुल) ध्यान छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी के पुनर्निर्माण और मतदाताओं को आकषिर्त करने पर है और कहा कि वहां पर मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी कमजोर है.’ संदेश में कहा गया कि राहुल का ध्यान दिल्ली और मुम्बई जैसे बड़े शहरों में चुनाव प्रयासों पर केंद्रित प्रतीत नहीं होता.

इसमें कहा गया, ‘संसदीय चुनावों में कांग्रेस की जीत ने संप्रग सरकार को सुविधाजनक स्थिति में ला दिया है लेकिन राहुल ने इसके बावजूद संसद में कार्यक्रम कार्यान्वयन में संप्रग के सामने मौजूद चुनौतियों पर चिंता व्यक्त की.’

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