कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी द्वारा दलित और अन्य पिछड़े वर्गो के घरों में रुकना तथा भोजन करने को बहुजन समाज पार्टी ने ड्रामेबाजी करार देते हुए कहा कि वे वहां रुकते तो जरुर है, मगर खाने का प्रबंध बाहर से किया जाता है.
बसपा प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि अलीगढ़ जिले के मरोडगढ़ी में कंजड़ बिरादरी के उदयवीर के घर में रुके, लेकिन परिवार के लिए तैयार भोजन को राहुल गांधी ने नहीं खाया और उनके लिए बाहर से खाने की व्यवस्था की गयी और स्टाफ के लोगों के खाने की व्यवस्था ग्राम प्रधान के घर से की गयी थी.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के युवराज के इस आचरण से जाहिर हो जाता है कि उनका दलित प्रेम एक ढोंग और नाटक है.
प्रवक्ता ने कहा कि भारत के संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने वर्ग एवं जातिवादी व्यवस्था के तहत हर मामले में गुलामी भरी जिन्दगी व्यतीत करने वाले दलित पिछड़े एवं अन्य उपेक्षित वर्गों के लोगों को हर पहलू में स्वाभिमान की जिन्दगी बसर करने एवं आगे लाने के लिए भारत के संविधान में कानूनी अधिकार दिलाया था उस समय भी जातिवादी लोगों और खासतौर पर कांग्रेस पार्टी ने इसका काफी विरोध किया.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में केन्द्र मे चल रही सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के प्रति हर मामले में सौतेला व्यवहार किया जा रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश में कोई आपराधिक घटना होते ही केन्द्र के गृह मंत्रालय द्वारा पूछताछ और सभी राष्ट्रीय आयोगों को भेज दिया जाता है, जबकि देश के अन्य राज्यों में बड़ी से बड़ी आपराधिक घटना के बाद भी इन मामलों में चुप रहना कांग्रेस पार्टी का दलित एवं पिछड़ा वर्ग विरोधी मानसिकता को दर्शाता है.
प्रवक्ता ने कहा कि भूमि अधिग्रहण को लेकर देश के अन्य राज्यों के किसानों की अधिक समस्यायें है लेकिन कांग्रेस पार्टी वहां पर चुप्पी साधे हुए है, जबकि उत्तर प्रदेश की भूमि अधिग्रहण नीति जो अन्य राज्यों की तुलना सबसे अच्छी है उसको लेकर किसानों को बरगलाकर पंचायतें करना भी दलित विरोधी मानसिकता का परिचायक है.