कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती को वस्तुत: नयी चुनौती देते हुए मंगलवार सुबह फिर भट्टा पारसौल गांव पहुंच गये.
तस्वीरों में देखें राहुल का गांवों का दौरा
राहुल ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के गढ़ रहे भट्टा पारसौल में करीब दो महीने पहले हुए अपने दौरे और आधी रात को हुई गिरफ्तारी के बाद फिर इस गांव का रुख किया है.
भट्टा पारसौल में भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर दो महीने पहले व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था. राहुल अपनी ‘किसान संदेश यात्रा’ के पहले पड़ाव के तहत यहां पहुंचे हैं.
युवा नेता शनिवार को अलीगढ़ में होने वाली किसान महापंचायत के लिये समर्थन जुटाने के मकसद से यहां एक कार में सुबह छह बजे पहुंचे.
मायावती सरकार ने राहुल को दिल्ली से निकट स्थित भट्टा पारसौल में किसान महापंचायत करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. इसके चलते अगले वर्ष उत्तर प्रदेश में होने वाले अहम विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बसपा के बीच फिर टकराव की स्थिति निर्मित हो गयी है.
भट्टा पारसौल में पहुंचने के बाद चारपाई पर बैठे राहुल काफी सहज नजर आ रहे थे. उन्होंने अपनी गोद में स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे को बिठा रखा था. वह ग्रामीणों से बातचीत कर रहे थे. राहुल के साथ उनके निजी सुरक्षाकर्मी मौजूद थे.
राहुल ने कहा, ‘‘भट्टा पारसौल में जो कुछ हुआ, बाकी की जनता उससे वाकिफ नहीं थी. मैं यहां से आगरा तक हो रहे भूमि अधिग्रहण को समझना चाहता था. मैंने यह यात्रा भट्टा से शुरू की. यहां से मैं गांवों में जाउंगा और इस अधिग्रहण, नये कानून तथा इस कानून के बारे में लोगों के विचारों को समझने की कोशिश करूंगा.’’
राहुल ने कहा, ‘मैं यह समझना चाहता हूं कि कानूनों का किन लोगों के लिये और किस तरह कार्यान्वयन किया जा रहा है. यही कारण है कि मैं यहां आया हूं और यही बात समझने के लिये अन्य गांवों में जाउंगा.’ कांग्रेस महासचिव को उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार ने 11 मई की रात भट्टा पारसौल से गिरफ्तार कर लिया था. राहुल भूमि अधिग्रहण के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान किसानों पर हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में वहां गये थे. इस पुलिस कार्रवाई में चार लोगों की मौत हो गयी थी. राहुल को उनकी गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद रिहा कर दिया गया था.
राहुल ने आज ग्रामीणों को बताया कि कांग्रेस उनके मुद्दे के प्रति समर्पित है और यही कारण है कि वह महापंचायत करने जा रही है.
राहुल के साथ आये कांग्रेस नेताओं ने भट्टा पारसौल के किसानों को बताया कि किसान महापंचायत पहले इसी गांव में होने वाली थी लेकिन प्रशासन ने यहां इसकी अनुमति नहीं दी, इसलिये अब यह आयोजन अलीगढ़ में होगा.
पिछले वर्ष अलीगढ़ के भी कुछ क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था.
राहुल मिर्जापुर, रोसा और रूस्तमपुर गांव भी गये जहां वह सड़क किनारे पेड़ों की छांव में बैठे और किसानों से उनकी शिकायतें सुनीं.
वह राबुपुरा जाएंगे और वहां से अलीगढ़ रवाना होंगे.