मायावती सरकार के खिलाफ किसानों के आंदोलन में शामिल होते हुए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी बुधवार को किसानों के साथ धरने पर बैठ गए हैं.
इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि राहुल गांधी की ओर से किसी भी तरह का ज्ञापन नहीं मिला है. उनके दौरे की भी खबर देर से मिली.
इससे पहले राहुल गांधी बुधवार सुबह स्थानीय पुलिस को चकमा देते हुए मोटरसाइकिल पर सवार होकर आंदोलन के केंद्र बने गांव तक पहुंच गए. राहुल सुबह लगभग चार बजे भट्टा पारसौल गांव पहुंचे.
राहुल ने पुलिस और किसानों के बीच हिंसक संघर्ष के बाद गोलीबारी की घटनाओं में न्यायिक जांच की भी मांग की. पिछले शनिवार को हुई हिंसा में दो पुलिसकर्मियों समेत चार लोगों की मौत हो गई थी.
राहुल के साथ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी पारसौल गांव की चौपाल पर धरने पर बैठे. दोनों नेताओं ने कई घंटों तक ग्रामीणों पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा किए गए कथित अत्याचारों की घटनाएं भी सुनीं.
एसडीएम विशाल सिंह ने राहुल से मुलाकात करके उनसे सुरक्षागत खतरे को देखते हुए धरना खत्म करने की अपील की. विशाल सिंह ने राहुल को सुरक्षा देने में असमर्थता भी जताई क्योंकि वह बिना इत्तला दिए आए थे.
इसके बाद राहुल ने अधिकारी से कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वह गांव छोड़ कर नहीं जाएंगे. इन मांगों में हिरासत में कैद किसानों की रिहाई की मांग भी शामिल है.