कांग्रेस के सवा सौ साल पूरे होने के मौके पर आयोजित पार्टी महाधिवेशन में महासचिव राहुल गांधी ने अपने पिता राजीव गांधी के उस संदेश को आगे बढ़ाया जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री ने 1985 में शताब्दी वर्ष में भ्रष्टाचार, पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र को मजबूत बनाने तथा इसे आम आमदी से जोड़ने पर जोर दिया था.
राहुल गांधी ने कहा, ‘हाल के दिनों में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए हैं. भ्रष्टाचार लोगों से अवसर छीनता है. भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रियों, सरकार के मंत्रियों और अन्य पार्टी पदाधिकारियों को आम कार्यकर्ताओं को समय और सम्मान देना चाहिए क्योंकि पार्टी का जमीनी आधार मजबूत बनाने और आगे बढ़ाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान होता है.
इसी प्रकार के विचार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में व्यक्त किये थे जब उन्होंने कहा कि राजीव जी का कार्यकाल छोटा था लेकिन यह घटना प्रधान काल रहा जिसमें उन्होंने 21वीं सदी में देश को अग्रणी स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
गौरतलब है कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जबर्दस्त जीत दिलाने तथा उस समय ‘मिस्टर क्लिन’ के रूप में पहचान बनाने वाले राजीव गांधी ने 1985 में कांग्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह में अति संरक्षणवाद और भ्रष्टाचार की आधारशिला पर खड़े औद्योगिक साम्राज्य के प्रति चेताते हुए कहा था कि यह अधिक समय तक नहीं चल पायेगा. राजीव गांधी ने पार्टी पर सत्ता के दलालों का प्रभाव होने का भी जिक्र किया था.{mospagebreak}
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला संप्रग सरकार के समक्ष सबसे ताजा चुनौती है जिसे विपक्ष आजादी के बाद सबसे बड़े घोटाले के रूप में पेश कर रही है. भाजपा नीत राजग इस मामले की जेपीसी से जांच कराने की मांग के समर्थन में 22 दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी में रैली का आयोजन कर रही है.इस मामले की जेपीसी से जांच करने की मांग के कारण संसद के शीतकालीन सत्र में एक दिन को छोड़कर कोई कामकाज नहीं हो सका था.
सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों में राष्ट्रमंडल खेल के आयोजन में अनियमितता तथा आदर्श हाउसिंग घोटाला मामला भी शामिल है. राष्ट्रमंडल खेल के आयोजन में अनियमितता के संबंध में पार्टी के वरिष्ठ नेता सुरेश कलमाडी घेरे में हैं जबकि आदर्श मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पडा जबकि कुछ केंद्रीय मंत्रियों एवं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर भी उंगली उठ रही है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इससे पहले भी देश में विभिन्न स्तरों पर बढ़ते भ्रष्टाचार और लालच पर चिंता व्यक्त कर चुकी हैं. भ्रष्टाचार के मामलों की जेपीसी से जांच करने की मांग पर संसद नहीं चलने देने के विपक्ष के रवैये की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आलोचना कर चुके हैं. इस विषय पर पक्ष और विपक्ष के बीच खींचतान अभी जारी है क्योंकि सरकार जेपीसी के गठन की मांग को स्वीकार करने को तैयार नहीं है जबकि विपक्ष जेपीसी की मांग से पीछे हटती नहीं दिख रही है.