चुनावी मिशन पर निकले राहुल फिर से अपने पुराने रंग में हैं. मंच से उतरकर आम लोगों से मिलना, उनका दर्द सुनना, ये तो अंदाज पुराना है. लेकिन राहुल एक बार फिर इसे आजमाने लगे हैं.
सही भी है कि सियासत के शतरंज पर कोई दांव बाकी ना रहे, ना जाने कौन सा दांव कब काम आ जाए. अब तो खबर ये है कि मिशन यूपी के लिए राहुल फिर से लोगों का सीधे दर्द सुनने लगे हैं.
बहराइच में रैली के बाद राहुल जब निकलने लगे तो किसी ने भीड़ से जोर से पुकारा- राहुल भैया. राहुल ने आवाज सुनी तो उधर चल पड़े. एक महिला ने आवाज लगाई थी. राहुल ने इस महिला से उसकी तकलीफ पूछी.
बातें बहुत लंबी नहीं थीं. दो-चार मिनट में ही सुषमा नाम की ये महिला राहुल गांधी से बात करके खुश हो गईं. संतुष्टि इस बात की थी कि राहुल ने उनका दर्द सुना तो सही और भरोसा इस बात का कि अब उन्हें राहत मिल जाएगी.
अब ये तो पता नहीं कि राहुल के भरोसे के बाद सुषमा का दर्द मिट पाएगा या नहीं. लेकिन, सुषमा से यूं मिलकर राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के लिए एक वोट तो तय कर ही लिया.