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अरुणिमा केस: रेलवे पुलिस ने जाहिर किया संदेह

एथलीट अरुणिमा सिन्हा कांड में नया मोड़ आ गया है. मामले की जांच कर रही रेलवे पुलिस ने इस प्रकरण में कई झोल पाए हैं जबकि एथलीट का आरोप है कि ऐसा करके उसे ‘मानसिक रूप से परेशान’ किया जा रहा है.

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अरुणिमा सिन्हा
अरुणिमा सिन्हा

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एथलीट अरुणिमा सिन्हा कांड में नया मोड़ आ गया है. मामले की जांच कर रही रेलवे पुलिस ने इस प्रकरण में कई झोल पाए हैं जबकि एथलीट का आरोप है कि ऐसा करके उसे ‘मानसिक रूप से परेशान’ किया जा रहा है.

अपर पुलिस महानिदेशक (रेलवे) ए. के. जैन ने बताया कि जांच में उभरे तथ्यों और अरुणिमा द्वारा बताई गई बातों में अंतर पाया गया है. उन्होंने कहा ‘जांच में पता लगा है कि अरुणिमा मानसिक रूप से परेशान थी और उसने या तो खुदकुशी की कोशिश की या फिर उसके साथ कोई हादसा हुआ.’ जैन ने बताया कि अरुणिमा ने पद्मावत एक्सप्रेस में यात्रा के दौरान अपने साथ लूट की कोशिश होने की बात कही है लेकिन उस ट्रेन पर सवार किसी भी यात्री या अन्य गवाह ने पूछने पर लूट की बात नहीं बताई.

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उन्होंने कहा कि एथलीट ने बताया था कि वह भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की परीक्षा में शामिल होने के लिये नोएडा जा रही थी जबकि जांच में पता लगा है कि 11 अप्रैल को नोएडा में इस बल की कोई परीक्षा थी ही नहीं.

सूत्रों ने बताया कि जांच में यह बात भी सामने आई है कि घायल अरुणिमा उस रेलवे लाइन से 16 फुट दूर पाई गई थी जिस पर होकर पद्मावत एक्सप्रेस गुजरी थी. इसके अलावा वह डाउन लाइन के ट्रैक से भी दूर थी और ट्रेन से धक्का दिये जाने की स्थिति में किसी का उतनी दूर जा पाना नामुमकिन है.

सूत्रों ने बताया कि अरुणिमा की यह बात भी झूठ पाई गई है कि जब वह ट्रेन से गिरी, उस वक्त गाड़ी काफी रफ्तार में थी. उन्होंने कहा कि बरेली के चनौटी रेलवे स्टेशन पर करीब 12 मिनट रुकने के बाद पद्मावत एक्सप्रेस महज 250 मीटर आगे बढ़ी थी तभी यह घटना हुई थी. मगर उस वक्त ट्रेन की गति आठ किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा नहीं हो सकती. जांचकर्ताओं का मानना है कि अरुणिमा ने रेल की पटरी पार करने की कोशिश की थी.

इस वक्त नई दिल्ली में इलाज कर रही अरुणिमा ने बताया कि रेलवे पुलिस अजीबोगरीब बातें करके उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर रही है.

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उन्होंने कहा, ‘पता नहीं पुलिस मेरे साथ है या मेरे खिलाफ. मैंने आईटीबीपी की शारीरिक परीक्षा के लिये नोएडा जाने की बात नहीं कही. मैं तो सात मई को होने वाली एसएससी की शारीरिक परीक्षा का केन्द्र पता करने और कॉल लेटर में लिखी जन्मतिथि ठीक कराने के लिये केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के नोएडा स्थित कार्यालय जा रही थी.’ अरुणिमा ने दोहराया, ‘ट्रेन में मेरे गले में पड़ी सोने की जंजीर लूटने की कोशिश की गई थी और लुटेरों में से एक ने मेरे पेट पर वार भी किया था.’

खुद के रेलवे लाइन से 16 फुट दूर पाए जाने के रेलवे पुलिस के दावे को गलत बताते हुए अरुणिमा ने कहा, ‘मैं तो पटरी के पास ही गिरी थी. हालांकि, उस आपाधापी और घबराहट के चलते मुझे यह याद नहीं है कि मेरा पैर विपरीत दिशा से आ रही ट्रेन से कटा या फिर पद्मावत एक्सप्रेस से.’ गौरतलब है कि गत 10 अप्रैल को नोएडा जाने के लिये लखनउ से पद्मावत एक्सप्रेस ट्रेन पर सवार हुई अरुणिमा बरेली रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन से गिर गई थी, जिससे उसका बायां पैर कट गया था.

अरुणिमा ने कहा था कि उसे किसी ने ट्रेन से धक्का दिया था. पुलिस ने इस मामले में अज्ञात युवकों के खिलाफ धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 393 (लूट की कोशिश) के तहत मामला दर्ज किया था.

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