राज ठाकरे ने यूपी बिहार को आतंक का अड्डा बताया है. उनका मानना है कि यूपी बिहार से आतंकी आते हैं और मुंबई में धमाके करते हैं. गए साल 13 जुलाई के मुंबई धमाके को कुछ आरोपी बिहार से हैं ये बात सामने आने पर राज ने बयान दिया है. वैसे राज की बयानबाजी को नगरपालिका चुनाव में वोट बनाने की चाल भी कहा जा रहा है.
महाराष्ट्र में अपने चाचा के खिलाफ उत्तर भारतीय विरोध की बैसाखियों पर घिसट रहे हैं राज ठाकरे. महानगरपालिका चुनाव में शिवसेना के खिलाफ बाजी मारने के लिए छटपटा रहे हैं. राज की ऐसी एक छटपटाहट है उत्तर भारतीयों को आतंकी साबित करने की कोशिश. बिहार और यूपी को आतंक का अड्डा साबित करने की कोशिश.
राज का कहना है, 'मुंबई,महाराष्ट्र और देश के दूसरे कोने में होने वाले धमाकों को देखो. कहां से ये आतंकी आ रहे हैं. आतंकी यूपी और बिहार से आ रहे हैं. यूपी-बिहार राज्य सरकारों को इसकी जांच करनी चाहिए पर वो कुछ नहीं करतीं. जब भी चुनाव होता है मुंबई से वाहन चोरी होते हैं. पर उनका इस्तेमाल कौन और किस लिए किया जा रहा है इसकी जांच होनी चाहिए. मुंबई पुलिस को हम नाहक दोष देते हैं.' राज ठाकरे के इस बयान में यूपी बिहार पर कई आरोप हैं और महाराष्ट्र पुलिस को बचाने की कोशिश.
खुद को राजनेता कहने वाला शख्स अगर ऐसी बातें कहता है तो सोचना लाजिमी है कि क्या वो इस भूमिका के लिए सही है. राज ने आगे कहा है, 'आतंक का केन्द्र कहां है. कहां पर आतंकी साजिशें बनती हैं. ये सब बिहार में होता है. साजिश वहां बनती है और धमाका मुंबई में होता है. ऐसे गुजरात, पंजाब, हरियाणा या आंध्रप्रदेश में तो नहीं होता. ऐसा केवल यूपी-बिहार के साथ ही होता है. ये अब कोई राज़ नहीं है. लोग मुझपर निशाना साधते हैं कि मैं केवल यूपी-बिहार को दोष देता हूं. पर देखिए मैं जो कहता था वही सच निकला की नहीं.'
राज ठाकरे के इस बयान के पीछे मुंबई एटीएस का एक विवादित खुलासा है. मुंबई एटीएस ने 13 जुलाई के मुंबई धमाके को सुलझाने का दावा किया और आरोपियों को बिहार का होने की बात कही. बस फिर क्या था चुनावी खींचतान में लगे राज ठाकरे को मौका मिल गया और उन्होंने उत्तर भारतीयो को आतंकी बताना शुरू कर दिया.
राज आगे कहते हैं, 'ये केवल एक चुनावी मुद्दा नहीं है. पूरा शहर यूपी-बिहार की बाढ़ से परेशान है. हां ये बात दिगर है कि ये मुद्दे जरूरी तौर पर चुनाव में भी आएंगे.' राज ठाकरे की सेना अपने जन्म से उत्तरभारतीयों पर हमले के लिए कुख्यात रही है. राज ठाकरे ने अमिताभ बच्चन से लेकर मनोज तिवारी तक और लालू यादव से लेकर संजय निरूपम तक को अपने निशाने पर लिया है. उन्होंने छठ पूजा से लेकर सामान्य उत्तरभारतीय की जिदंगी तक को निशाने पर लिया है.
अपने बयान में राज ठाकरे आगे कहते हैं, 'जब मैंने कहा था मुंबई मे बाहरी मजदूरों की वजह से मलेरिया फैल रहा है तो मुझे गलत कहा गया. बाद में सभी ने मेरी कही बात को दुहराया. पर तब किसी ने हल्ला नहीं किया.
राज ठाकरे के ऐसे बयान पर बीजेपी और जेडीयू खासे नाराज हैं. नीतीश कुमार ने इसे बकवास कहा है जबिक बिहार से बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने पागलपन. राज ठाकरे की आग से झुलसने वालों की तादाद बहुत ज्यादा है. बिहार की सत्ता पर काबिज जेडीयू के मुखिया शरद यादव भी राज के बयान से गुस्से में हैं.
राज ठाकरे ने यूपी-बिहार की सरकारों के बेकार कहा तो बिहार के मुख्यमंत्री ने इस बकवास कहा. चुनावी बाजी के लिए देश की एकता और अखंडता को दांव पर लगाना राजनीति नहीं हो सकती. सबको पता है आतंक का किसी मजहब, जाति, क्षेत्र से नहीं बल्कि नफरत से लेना-देना है. राज के विरोधी कहते हैं कि वो नफरत की राजनीति बंद करें.