मनसे प्रमुख राज ठाकरे एक बार फिर राजनीतिक दलों के निशाने पर हैं. इस बार उनकी आलोचना का कारण उनकी बिहार के निवासियों के खिलाफ की गई टिप्पणी है, जिसमें उन्होंने उन्हें ‘घुसपैठिये’ कहा था.
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि ठाकरे परिवार खुद बिहार का रहने वाला है. वहां से वह लोग पश्चिमी मध्यप्रदेश के धार जिले में बस गए और फिर मुंबई आ गए थे. सिंह ने कहा, ‘अगर आप मुंबई का इतिहास देखेंगे तो पाएंगे कि यह मछुआरों का शहर है. यहां रह रहे बाकी लोग तो बाहर से आए हैं.’
ठाकरे ने शुक्रवार को धमकी दी थी कि स्थानीय पुलिसकर्मियों को सूचित किए बिना एक किशोर को बिहार से गिरफ्तार करने वाले मुंबई पुलिस के कर्मियों के खिलाफ यदि बिहार सरकार के अधिकारी कार्रवाई करते हैं तो महाराष्ट्र से बिहारियों को जबरन निकाल दिया जाएगा.
राज ठाकरे उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि बिहार के मुख्य सचिव नवीन कुमार ने मुंबई पुलिस आयुक्त को पत्र लिख कर, 11 अगस्त को आजाद मैदान पर विरोध प्रदर्शन के दौरान शहीद स्मारक पर कथित तोड़फोड़ करने वाले एक युवक की गिरफ्तारी पर नाराजगी जाहिर की थी.
बिहार में सत्तारूढ़ जदयू के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि केंद्र और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ पार्टी राज ठाकरे के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है.
तिवारी ने इस घटनाक्रम की तुलना पंजाब में आतंकवाद के दिनों में जनरैल सिंह भिंडरावाले के उदय से की. उन्होंने कहा, ‘यह (राज ठाकरे का आचरण) संवैधानिक प्रभुत्व को चुनौती है. मुंबई के आजाद मैदान में ठाकरे ने कहा कि पुलिस आयुक्त का तबादला किया जाना चाहिए और इसके बाद यही हुआ भी. क्या महाराष्ट्र की कांग्रेस नीत सरकार यह जताना चाहती है कि ठाकरे सरकार से ऊपर हैं?’
तिवारी के मुताबिक, ‘मैं केंद्र की और महाराष्ट्र की कांग्रेस नीत सरकारों से अनुरोध करूंगा कि पंजाब में मिले अनुभवों से वह सबक लें जहां उन्होंने भिंडरावाले को बढ़ावा दिया था. वह संविधान से इतर प्राधिकार बना कर उसे मजबूत कर रहे हैं. वह समय आएगा जब यह ताकतें भस्मासुर राक्षस की तरह ही उन्हें ही खत्म कर डालेंगी.’
जदयू नेता ने कहा कि नियम यह है कि जब भी किसी एक राज्य की पुलिस किसी को गिरफ्तार करने के लिए दूसरे राज्य में जाती है तो उसे स्थानीय पुलिस को सूचना देनी होती है और फिर गिरफ्तार व्यक्ति को स्थानीय अदालत में पेश करना पड़ता है जहां उसे ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद ही अन्यत्र ले जाया जा सकता है.
भाजपा और राज्य सरकार के एक मंत्री गिरिराज सिंह ने ठाकरे की टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की और उनके खिलाफ ‘राजद्रोह’ का मामला दर्ज करने की मांग की है. सिंह ने कहा, ‘यह लोकतंत्र के खिलाफ है. ठाकरे के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. मैं महाराष्ट्र के रहने वाले अन्ना हजारे से भी अपील करूंगा कि उन्हें ठाकरे के खिलाफ आवाज उठाना चाहिए.’
भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी मनसे प्रमुख की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में काम करते समय टकराव से बचने की जरूरत होती है. नकवी ने कहा कि कुछ ‘आतंकवादियों’ के कृत्यों के कारण क्षेत्र या मजहब के नाम पर भेदभाव नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि देश भर में केवल एक ही ‘हिन्दुस्तानी पट्टी’ है. ठाकरे ने कहा था, ‘अगर बिहार सरकार पुलिस की जांच में बाधक बनने की कोशिश करेगी तो मेरी पार्टी महाराष्ट्र में प्रत्येक बिहारी को घुसपैठिया कहेगी और उन्हें राज्य से जाने के लिए मजबूर करेगी.’
ठाकरे ने कहा था, ‘अमर जवान स्मारक का अपमान करने वाले व्यक्ति को बिहार से गिरफ्तार किया गया था. मैं बिहार के मुख्य सचिव से कहना चाहूंगा कि आपके राज्य की वजह से (महाराष्ट्र में) अपराध दर बढ़ रही है.’