महाराष्ट्र में चुनाव भले ही अभी दूर हैं लेकिन सियासी गणित नए रंग ले रहा है. शिवसेना और एमएनएस की गलबहियां करवट ले रही हैं, दूरियां घट रही हैं, भाई भाई करीब आ रहे हैं, चाचा भतीजे का मिलन हो रहा है.
मुबंई के मातोश्री भवन में राज ठाकरे अपने चाचा बाल ठाकरे से मिलने के लिए पहुंचे. दो महीनों के दौरान चाचा भतीजे की ये तीसरी मुलाकात है. डेढ घंटे तक बात हुई. कहा तो ये गया कि सेहत को लेकर चिंतित भतीजे ने चाचा का हाल चाल पूछा. इसके साथ ही काफी देर तक दोनों में एक किताब को लेकर बात हुई जो बाल ठाकरे ने लिखी है. लेकिन सियासत पर नजर रखने वाले जानते है कि नेताओं में यूं ही मुलाकातें नहीं होती और किताबों पर इतनी लंबी बात नहीं होती.
हम आपको बता दें कि दो दिन पहले ही मुंबई के शिवाजी पार्क में अपने वीडियो संदेश में बाल ठाकरे ने अपनी बढती उम्र और गिरती सेहत का हवाला दिया था. उद्वव और आदित्य का हाथ मजबूत करने की हाथ जोडकर विनती की थी.
बाल ठाकरे ने इस पूरे भाषण में राज का तो कहीं नाम नहीं लिया था लेकिन ये जरूर कहा था कि हमें सोचने की जरुरत है कि शिवसेना क्यों टूटी. आज मराठी मराठी आमने सामने क्यों है. एक तरफ चाचा की भावुक अपील दूसरी तरफ भतीजे से मुलाकातें साफ संकेत देती है कि महाराष्ट चुनावों से पहले तस्वीर में काफी बदलाव आएगा.