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आजाद मैदान की हिंसा के खिलाफ MNS की 'राजनीति'

11 अगस्‍त को मुंबई के आजाद मैदान में हुई हिंसा के खिलाफ राज ठाकरे की रैली शुरू हो चुकी है. इस रैली में हिस्‍सा लेने के लिए भारी संख्‍या में लोग इकट्ठा हुए हैं. मुम्बई पुलिस ने इस जुलूस और रैली के लिए पहले ही कमर कस ली है.

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राज ठाकरे
राज ठाकरे

11 अगस्‍त को मुंबई के आजाद मैदान में हुई हिंसा के खिलाफ राज ठाकरे की रैली शुरू हो चुकी है. इस रैली में हिस्‍सा लेने के लिए भारी संख्‍या में लोग इकट्ठा हुए हैं. मुम्बई पुलिस ने इस जुलूस और रैली के लिए पहले ही कमर कस ली है.

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यह रैली एक मुस्लिम संगठन द्वारा आयोजित एक रैली के हिंसक हो जाने के 10 दिन बाद आयोजित की जा रही है. स्थानीय पुलिस ने सोमवार रात न चाहते हुए भी मनसे को रैली की अनुमति दे दी.

शहरवासियों के सामान्य जीवन में व्यवधान न पड़े, इसके लिए पुलिस ने गिरगाव चौपाटी से आजाद मैदान तक केवल पांच किलोमीटर के क्षेत्र में ही जुलूस निकालने की अनुमति दी है. मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने सोमवार को घोषणा की थी कि चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन पार्टी अपना विरोध जुलूस निकालकर रहेगी.

उल्लेखनीय है कि 11 अगस्त को मुस्लिम संगठन म्यांमार और असम में कथित तौर पर मुसलमानों पर हुए हमले के विरोध में जुलूस निकाल रहे थे, जो अचानक हिंसक हो गया था. इस घटना में दो लोगों की मौत हुई थी, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हो गए थे. इस घटना से सबक लेते हुए मुम्बई पुलिस ने मंगलवार तड़के से ही शहर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं.

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दक्षिण मुम्बई, प्रमुख रेलवे स्टेशनों और अन्य स्थानों पर जाने वाली सड़कों पर चौकसी बढ़ा दी गई है. मनसे ने 11 अगस्त को हुई घटना के लिए गृहमंत्री आर. आर. पाटिल और पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक को जिम्मेदार ठहराते हुए दोनों के इस्तीफे की मांग की है. मनसे के नेताओं ने दावा किया है कि रैली में एक लाख से अधिक लोग पहुंचेंगे, जबकि पुलिस का अनुमान है कि रैली में 40,000 से 50,000 लोग शामिल हो सकते हैं.

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