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राजा ने कहा: पीएम, चिदंबरम और सिब्बल को बनाउंगा गवाह

जेल में बंद पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने दिल्ली की एक अदालत से कहा कि वह यह साबित करने के लिए गवाह के रूप में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तत्कालीन वित्तमंत्री पी. चिदंबरम और वर्तमान दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को बुलाएंगे कि 2जी आवंटन में सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ.

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ए राजा
ए राजा

जेल में बंद पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने दिल्ली की एक अदालत से कहा कि वह यह साबित करने के लिए गवाह के रूप में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तत्कालीन वित्तमंत्री पी. चिदंबरम और वर्तमान दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को बुलाएंगे कि 2जी आवंटन में सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ.

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राजा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सुशील कुमार ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश को बताया, ‘आज मैं बता देना चाहता हूं कि मैं प्राइम मिनिस्टिर, तब के फाइनेंस मिनिस्टर या वर्तमान के टेलीकॉम मिनिस्टर को बतौर गवाह बनाउंगा.’

उन्होंने कहा कि जिस समय यह साबित हो जाएगा कि राजकोष को कोई नुकसान नहीं हुआ स्पेक्ट्रम आवंटन में धोखाधड़ी और षड्यंत्र का पूरा मामला खत्म हो जाएगा और प्रधानमंत्री तथा दो अन्य मंत्री यह साबित करने में सक्षम होंगे.

कुमार ने कहा कि राजा सीबीआई से कुछ खास दस्तावेज हासिल करने के लिए सीआरपीसी की धारा 91 के तहत आवेदन करेंगे जो अब तक अदालत के समक्ष नहीं लाए गए हैं. बचाव पक्ष के वकील ने स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड और यूनिटेक (तमिलनाडु) वायरलेस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा क्रमश: दुबई स्थित एतिसलात और नार्वे स्थित टेलीनॉर को हिस्सेदारी बेचे जाने का मुद्दा भी उठाया और उल्लेख किया कि इस लेनदेन में कोई आपराधिक चीज नहीं है.

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उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले तो लाइसेंसों की कोई बिक्री नहीं हुई फिर शेयरों की बिक्री 74 प्रतिशत की सीमा के भीतर थी. इसके अतिरिक्त लेनदेन को उच्चतम स्तर (विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड) पर मंजूरी मिली थी.’

किसी कारपोरेट हाउस का नाम लिए बगैर सुशील कुमार ने आरोप लगाया कि राजा को दूरसंचार क्षेत्र के बड़े खिलाड़ियों को नाराज करने की कीमत अदा करनी पड़ी है. बचाव पक्ष के वकील ने राजा के रिश्वत लेने के सीबीआई के आरोप को खत्म करने की मांग की और कहा कि एजेंसी को स्पष्ट करना चाहिए कि कोई मंत्री चेक और ऋण के रूप में किश्तों के जरिए रिश्वत क्यों लेगा.

उन्होंने सीबीआई के इस आरोप के सदंर्भ में यह बात कही कि द्रमुक संचालित कलेंगनर टीवी ने घोटाले के कथित लाभार्थी शाहिद उस्मान बलवा की कंपनियों के जरिए 200 करोड़ रुपये की रिश्वत ली. राजा के वकील ने यह भी आरोप लगाया कि जहां तक यूनिटेक और रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड (आरटीएल) जैसी दूसरी कंपनियों की बात है तो सीबीआई लाइसेंस जारी करने के लिए ‘कोई मकसद’ साबित करने में विफल रही है.

उन्होंने कहा, ‘जहां तक यूनिटेक की बात है तो ऐसा कुछ नहीं है कि हमने एक दूसरे को फायदा पहुंचाया. सीबीआई के पास यह दिखाने के लिए कुछ नहीं है कि यूनिटेक को यूएएस लाइसेंस जारी करने में मेरा क्या उद्देश्य और फायदा था.’

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बचाव पक्ष के वकील ने कहा ‘‘जहां तक रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और इसके तीन अधिकारियों की बात है तो रिकार्ड में कोई सामग्री नहीं लाई गई है कि मेरा क्या मकसद था. यहां तक कि सीबीआई आरटीएल के बारे में कुछ नहीं कहती कि इसने क्या अर्जित किया.’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यदि सीबीआई के नुकसान सिद्धांत को सही भी मान लिया जाए तो सिर्फ दो कंपनियां स्वान टेलीकॉम और यूनिटेक ही इस अदालत के समक्ष क्यों हैं.

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