मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गैस त्रासदी की 27वीं बरसी पर पीड़ितों के हक की लड़ाई लड़ने वाले संगठन की अगुवाई में जगह-जगह प्रदर्शन हुए. इसके अलावा प्रार्थना सभाओं में मृतकों को श्रद्घांजलि दी गई.
आज से 27 वर्ष पहले दो-तीन दिसम्बर 1984 की रात यूनियन कार्बाइड कारखाने से जहरीली गैस रिसी थी. काल बनकर आई गैस ने हजारों लोगों को लील लिया था और लाखों लोगों की मौत हो गई थी.
सरकारों ने वादे खूब किए, मगर पीड़ितों के हाथ ज्यादा कुछ नही आया. आज भी उनमें गुस्सा है.
हादसे की बरसी के मौके पर गैस पीड़ितों के हक की लड़ाई लड़ने वाले संगठनों ने अपनी-अपनी तरह से विरोध दर्ज कराने का ऐलान किया है.
पांच संगठनों डाओ-कार्बाइड के खिलाफ बच्चे, भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा, भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा, भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एण्ड एक्शन ने तीन दिसम्बर से बेमियादी रेल रोको आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है.
दूसरी ओर, भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के लोग शनिवार को शाहजहानी पार्क पर इकट्ठा होकर मृतकों को श्रद्घांजलि देंगे और मुख्यमंत्री निवास का घेराव कर एक ज्ञापन सौंपेंगे. संगठन की मांग है कि सरकार सर्वोच्च न्यायालय में सही आंकड़े पेश करे, ताकि पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाया जा सके.