भगवान राम, लक्ष्मण व माता सीता के विषय में कुछ राजनेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों के विरोध में शुक्रवार को युवकों के एक समूह ने अधिवक्ता राम जेठमलानी के घर के बाहर प्रदर्शन किया.
विश्व हिन्दू परिषद की दिल्ली की एक बैठक के बाद संगठन के मीडिया प्रमुख विनोद बंसल ने बताया कि अधिवक्ता राम जेठमलानी ने अपनी कुबुद्धि का परिचय देते हुए जिस प्रकार की बातें भगवान राम व लक्ष्मण के बारे में कही है उससे एक बात साफ हो गई है कि या तो वे जान बूझ कर हिन्दू जन मानस को आन्दोलित करना चाहते हैं और या फिर शास्त्रीय ज्ञान में वे पूरी तरह से बुद्धू हैं.
विहिप ने जेठमलानी के बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में किसी भी व्यक्ति को इस बात की छूट नहीं है कि वे लोगों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करें चाहे वह किसी भी स्तर के कितने ही बड़े व्यक्ति क्यों न हों.
विहिप दिल्ली के महामंत्री सत्येन्द्र मोहन ने ऐसे नेताओं को चेताया कि भगवान राम व उनके बनाए राम सेतु के अपमान का हश्र दक्षिण भारत के करुणानिधि पहले से ही भुगत रहे हैं अब यदि और लोग इस श्रेणी में शामिल होते हैं तो हिन्दू समाज उन्हें कभी माफ नहीं करेगा. प्रदर्शनकारी हिन्दू युवकों ने कहा है कि आज का प्रदर्शन सांकेतिक है किन्तु यदि ये लोग नहीं सुधरे तो हिन्दू समाज को इन्हें ठीक करना आता है.
विहिप का मानना है कि सिर्फ किताबी ज्ञान या कानून की महा रथ हासिल कर लेने से किसी को शास्त्रीय ज्ञान नहीं हो सकता है. उसके सही ज्ञान के लिए सच्ची भक्ति, संतों का सानिध्य व सत्संग में समर्पण चाहिए.