बागी तेवर अपनाये राम जेठमलानी ने भाजपा कोर समूह द्वारा नितिन गडकरी का समर्थन किये जाने की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने संघर्ष में नैतिक आधार खो रही है.
कोर समूह के मंगलवार गडकरी के अध्यक्ष पद पर बने रहने को समर्थन देने के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्यसभा सदस्य जेठमलानी ने एक लिखित बयान में कहा, ‘यह जनता से धोखा है.’
गडकरी के खिलाफ बगावत की अगुआई करने वाले जेठमलानी ने इस फैसले पर अपनी असहमति से पार्टी नेतृत्व को अवगत करा दिया.
जेठमलानी ने कहा, ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ लडाई में, जो अकेले लड़ी जाने वाली लड़ाई भी साबित हो सकती है, महत्वपूर्ण राजनीतिक एवं लोकसेवा के पदों पर बैठे ऐसे बहुत से लोग हैं जिनका इस्तीफा मांगने की जरूरत मैं महसूस करता हूं.’
उन्होंने अपने बयान में व्यंग्यपूर्वक कहा, ‘इस मामले में पार्टी के निर्णय ने मेरा उत्साह खत्म कर दिया है. मैं श्री गडकरी, श्री गुरुमूर्ति और कोर समूह के सदस्यों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं,’
पार्टी की अपने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से पार्टी की छवि को प्रभावित करने वाले मामलों पर सार्वजनिक तौर पर असंतोष व्यक्त नहीं करने की अपील पर जेठमलानी ने कहा, ‘पाबंदी का यह आदेश मुझ पर लागू नहीं होता. यह वरिष्ठ नेताओं पर लागू होता है. मैं तो नेता भी नहीं हूं, वरिष्ठ नेता की बात तो दूर रही. लेकिन फिर भी मैं गडकरी मामले पर और कुछ नहीं बोलने की बात करता हूं, केवल पार्टी को इस बात के लिये सचेत कर देना मेरा कर्तव्य है कि वह नैतिक आधार खो रही है और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की पार्टी की ताकत घटती जा रही है.’
जेठमलानी ने भाजपा से इस्तीफा देने से इंकार करते हुए कहा, ‘अगर जरूरत पड़ी तो मैं अकेले लडूंगा, भाजपा जो भी निर्णय करे. मैं पार्टी से इस्तीफा नहीं दूंगा, क्योंकि मैं लड़ाई जारी रखना चाहता हूं. मैं क्यों इस्तीफा दूं?.’
जेठमलानी से पूछा गया था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अभयदान से गडकरी को मिले जीवनदान के बाद क्या वह पार्टी से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं.
उन्होंने हालांकि इस बात का निर्णय भाजपा पर ही छोड़ दिया कि गडकरी को अध्यक्ष पद पर बने रहने दिया जाये या नहीं और कहा, ‘वे लोग सम्मानित व्यक्ति हैं? प्रेस में जो कुछ हो रहा है वे वह सब सुन रहे हैं. निर्णय उनको लेना है.’
जेठमलानी ने बताया कि संघ के विचारक एस गुरुमूर्ति ने उनसे वादा किया है कि वह गडकरी की कंपनियों से जुड़े दस्तावेज एक नोट के साथ उन्हें भेजेंगे.
उन्होंने कहा, ‘उन्होंने यह भी वादा किया है कि वह जो भी सवाल पूछना चाहेंगे, गडकरी उनका जवाब देने को इच्छुक होंगे. वह मेरे पास आयेंगे और मेरे सवालों का जवाब देंगे.’
गडकरी का इस्तीफा मांग कर भाजपा में हड़कंप मचा देने वाले जेठमलानी ने गुरुमूर्ति से मंगलवार शाम हुई अपनी बातचीत के बाद अपना रुख कुछ नरम किया. गुरुमूर्ति ने उन्हें यह आश्वस्त करने का प्रयास किया कि गडकरी पर लगाये गये आरोप निराधार हैं.
जेठमलानी ने कहा कि वह भाजपा अध्यक्ष के निर्दोष होने के बारे में अपने को आश्वस्त करने के लिये उनसे कुछ सवाल पूछना चाहेंगे और उन्होंने ऐसे दस्तावेज मांगे हैं जो यह साबित कर सकें कि भाजपा अध्यक्ष की कंपनियों में कोई संदिग्ध वित्त पोषण नहीं हुआ है.
गडकरी की कंपनियों में संदिग्ध निवेश को लेकर मीडिया में आयी खबरों के बाद वह निशाने पर आ गये थे. लेकिन भाजपा अध्यक्ष ने यह कहते हुए पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था कि वह किसी भी तरह की जांच के लिये तैयार हैं.