विवाद और राम जेठमलानी का रिश्ता बड़ा करीबी है. एक विवाद से पीछा छूटा नहीं कि दूसरा विवाद. गुरुवार को जेठमलानी ने ये कहकर बीजेपी को परेशान कर दिया कि भगवान राम बुरे पति थे, उन्होंने सीता के साथ अच्छा नहीं किया.
राम मंदिर बनाने का वादा करने वाली पार्टी के लिए राम जेठमलानी का ये बयान किसी सदमे से कम नहीं. जिस राम को मर्यादा पुरुषोत्तम बताकर बीजेपी ने राजनीति की सबसे लंबी उड़ान भरी उन्हीं राम पर पार्टी के राम ने सवाल उठा दिया है. राम जेठमलानी ने एक बैठक में कहा राम भगवान चाहे जैसे हों लेकिन पति तो वो बेहद बुरे थे.
जेठमलानी ने कहा, 'राम बहुत बुरे पति थे. मैं उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं करता. वो किसी मछुआरे के कहने पर सीता को वनवास कैसे दे सकते हैं.' राम जेठमलानी देश के दिग्गज वकील हैं और बीजेपी से राज्यसभा के सदस्य भी. लेकिन उनकी इस दलील पर बीजेपी परेशान हो उठी है कि रामराज में सीता के अधिकारों पर सबसे करारी चोट की गई थी. वो भी बिना किसी गवाह या सबूत के.
जेठमलानी के बयान को महिला संगठन पलकों पर सजा सकते हैं लेकिन बीजेपी की सियासत को ये नागवार गुजर सकता है. इतना नागवार कि उसे जवाब देने से पहले सौ बार सोचना पड़े.
राम जेठमलानी के विवादास्पद बयान पर प्रतिक्रिया आनी भी शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता रशीद मसूद का कहना है कि इस बयान के लिए राम जेठमलानी को माफी मांगनी चाहिए.