सरकार जब तक मांगे नहीं मानेगी तब तक बाबा रामदेव ने अनशन जारी रखने का फैसला किया है. हालांकि उन्होंने सातवें दिन फैसला किया है कि अब वो कम से कम बोलेंगे.
सेहत धीरे धीरे बाबा रामदेव का साथ छोड रही है कल डॉक्टरों ने बाबा रामदेव को अनशन तोड़ने की सलाह दी थी. हरिद्वार के एसपी और डीएम खुद बाबा रामदेव की सेहत का जायजा लेने आए. लेकिन बाबा रामदेव अब भी अनशन पर अड़े हैं.
बृहस्पतिवार को बाबा रामदेव का हेल्थ चेकअप हुआ. लंबे समय से अनशन पर बैठे बाबा का चेहरा काफी बुझा हुआ दिख रहा है. बाबा ने कहा, 'सरकार मांगे नहीं मानती है तो उनकी जान भले ही चली जाए लेकिन वह अनशन नहीं तोड़ेंगे'.
हांलाकि अब यह सवाल उठने लगा है कि बाबा कब तक यू हीं अनशन पर बैठे रहेंगे? अनशन के लिए सेहत का भी तो साथ होना चाहिए. 7 दिनों से अनशन पर बैठे बाबा रामदेव का शरीर अब जवाब देने लगा है.
हरिद्वार के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने खुद बाबा की सेहत की जांच करने के बाद बताया कि अनशन से रामदेव के वजन में करीब आठ किलो की कमी आई है. इस वक्त उनका वजन साढ़े अट्ठावन किलो है, जबकि रामदेव ने पहले खुद अपना वजन 66 किलो बताया था. उनके ब्लड प्रेशर में भी गिरावट आई है. बृहस्पतिवार को उनका ब्लड प्रेशर 108/77 दर्ज किया गया.
रामदेव का पल्स रेट भी पहले के मुकाबले धीमा है. पल्स रेट 66 प्रति मिनट रिकार्ड किया गया है. डॉक्टरों ने बाबा रामदेव की सेहत बिगड़ने की घंटी बजाते हुए अनशन तोड़ने की सलाह दी तो प्रशासन हरकत में आया. डीएम और एसपी खुद पहुंचे और बाबा को कम से कम पानी के साथ नींबू और शहद लेने के लिए राजी किया. लेकिन 7 दिनों से भूखे शरीर की भरपाई नींबू पानी औऱ शहद से कितनी होगी बाबा के शरीर को अब ग्लूकोज की भी जरुरत है और इसलिए उत्तरांखड के सीएम भी बाबा का अनशन खत्म कराना जरूरी मानते हैं.
न शरीर साथ दे रहा है, न सेहत. लेकिन पिछले 7 दिनों में जो परिस्थितियां बनीं, उसके बाद बाबा रामदेव आसानी से अनशन खत्म करें भी तो कैसे? सवाल स्वाभिमान का है.