गृहमंत्री पी चिदंबरम ने बाबा रामदेव के भ्रष्टाचाररोधी अभियान के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हाथ होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि संघ ने यह मुद्दा उठाने वाले प्रत्येक व्यक्ति का समर्थन करने का फैसला किया है.
चिदंबरम ने दूरदर्शन को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आपको सोचना चाहिए कि बाबा रामदेव के पीछे कौन है. मार्च 2011 में जाइये. कर्नाटक के पुथुर में हुई संघ की शीर्ष निकाय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने वाले सभी व्यक्तियों और संगठनों को समर्थन देने का फैसला किया गया था.’’
उन्होंने कहा कि संघ ने दो अप्रैल को भ्रष्टाचाररोधी मोर्चा के गठन की घोषणा की जिसके संरक्षकों में बाबा रामदेव शामिल हैं.
चिदंबरम ने कहा कि मीडिया का एक धड़ा अन्ना हजारे, बाबा रामदेव और अन्य के आंदोलनों की ‘प्रतिस्पर्धी लोकलुभावन कवरेज’ कर रहा है, जिससे संसदीय लोकतंत्र का अवमूल्यन हो रहा है.
गृहमंत्री ने कहा कि वे नागरिक समाज द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का समर्थन करते हैं, ‘‘लेकिन मैं इस बात का समर्थन नहीं करता कि देश के निर्वाचित प्रतिनिधि नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के आगे समर्पण कर दें. हमें याद रखना चाहिए कि इस देश की बुनियाद संसदीय लोकतंत्र पर रखी गई है.’’
चिदंबरम ने भ्रष्टाचार मामले में टेलीविजन पर एक बहस के लिए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को चुनौती दिए जाने के लिए नागरिक समाज के सदस्यों की आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘‘जब कोई वित्त मंत्री को टेलीविजन पर बहस करने की चुनौती देता है तो वह इस तथ्य को भूल जाता है कि बहस संसद में होती है और संसदीय बहस टेलीविजन पर दिखाई जाती है और मतदाता इस बहस को देखता है तथा समय समय पर अपने मताधिकार का प्रयोग करता है.’’
चिदंबरम ने कहा कि केंद्रीय सरकार लोकपाल विधेयक का मसौदा 30 जून तक तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम 30 जून तक विधेयक का मसौदा तैयार करने के लक्ष्य के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. मुझे उम्मीद है कि समिति के समाज के सदस्य मसौदा समिति की बैठक में वापस आएंगे.’’
गृहमंत्री ने कहा कि संयुक्त मसौदा समिति की अगली बैठक स्थगित कर दी गई है क्योंकि सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे उस दिन उपलब्ध नहीं थे. उन्होंने रामदेव के भ्रष्टाचार रोधी आंदोलन से निपटने को लेकर सरकार और कांग्रेस के बीच मतभेद से संबंधित बातों को खारिज कर दिया.
चिदंबरम ने कटाक्ष किया, ‘‘हमारी पार्टी और सरकार में अरुण जेटली और सुषमा स्वराज के बीच चलने जैसा दोहरापन नहीं है, न ही हमारे बीच वैसा दोहरापन है जो कंधार घटना के बाद श्री जसवंत सिंह और श्री लालकृष्ण आडवाणी द्वारा प्रदर्शित किया गया. हममें जिम्मेदारी का बंटवारा है, लेकिन हम एक आवाज में बोलते हैं और मिलकर काम करते हैं.’’
उन्होंने रामलीला मैदान में पुलिस कार्रवाई में गंभीर रूप से घायल हुई राजबाला की स्थिति पर दुख व्यक्त किया और कहा कि सरकार ने उनके परिवार से संपर्क किया है.