बाबा रामदेव विद्रोही विचारों के व्यक्ति हैं और इसे उन्होंने यहां के रामलीला मैदान में एक बार फिर साबित कर दिया. वह मंच से कूद गए और भीड़ में खो गए. इसके बाद योग गुरु को ढूंढ़ने में पुलिस को एक घंटा लगा जो महिलाओं के कपड़े पहने हुए थे.
योग गुरु (46) को ढूंढ़ने और उन्हें दिल्ली से बाहर भेजने के घटनाक्रम में जबर्दस्त नाटक देखने को मिला. रात करीब एक बजे जब खाकी वर्दीधारी रामलीला मैदान में घुसे तो भगवाधारी बाबा माइक्रोफोन की ओर दौड़े और नींद के आगोश में जा चुके अपने अधिकतर अनुयायियों को जगाने के लिए वंदे मातरम का नारा लगाया.
बड़ी संख्या में लाठी और बंदूकधारी पुलिसकर्मियों ने मंच पर चढ़ने की कोशिश की. इसके बाद रामदेव ने अपना सामान इकट्ठा करने के लिए उनसे पांच मिनट मांगे लेकिन बाबा ने सबको आश्चर्यचकित करते हुए तीन मीटर ऊंचे मंच से छलांग लगा दी और उस स्थल की ओर भागे जहां महिलाएं बैठी हुई थीं.
पुलिसकर्मी इस घटना को देख हक्का..बक्का रह गए और वे बड़ी संख्या में महिलाओं के बीच रामदेव को नहीं ढूंढ़ पाए. पुलिस को चकमा देने के लिए रामदेव ने महिलाओं के वस्त्र पहन लिए. अपनी दाढ़ी को ढंकने के लिए उन्होंने एक महिला के दुपट्टा का इस्तेमाल किया.
पुलिसकर्मी एक घंटे की सघन तलाशी के बाद रामदेव को ढूंढ़ने में सफल हो गए और उन्होंने बाबा को हिरासत में लेने के लिए उनके अनुयायियों को हटाना शुरू किया. लेकिन अपने ‘गुरु’ की रक्षा में जुटी महिलाएं पुलिस कार्रवाई से इतनी क्षुब्ध थीं कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को योग गुरु को बाहर ले जाते समय जबर्दस्त धक्का मुक्की का सामना करना पड़ा.
इसी तरह का नाटक उस समय हुआ जब पुलिस ने रामदेव को देहरादून के लिए विमान में बिठाने की कोशिश की क्योंकि उनके 15 दिन तक दिल्ली आने पर रोक लगा दी गई है. इस समाचार के फैलते ही कि बाबा को सफदरजंग हवाईअड्डे लाया जाएगा वहां रामदेव के अनुयायी जुटने शुरू हो गए. इस पर सरकार को दूसरी योजना अपनानी पड़ी.
सरकार के एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि कानून के मुताबिक जिस व्यक्ति को किसी शहर से बाहर किया जाता है उसके बारे में केंद्र को राज्य सरकार को सूचना देनी होती है. इस मामले में यह भाजपा शासित उत्तराखंड था.
सूत्र ने कहा कि यह खबर देहरादून से लीक हुई कि बाबा को सफदरजंग हवाईअड्डे से भेजा जाएगा और इस पर वहां रामदेव के अनुयायी जुटने शुरू हो गए.
सरकार ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर एक अन्य विमान पहले से ही तैयार रखा था. सफदरजंग हवाईअड्डे पर भीड़ को देखते हुए योग गुरू को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से एक विशेष विमान के जरिए भेजने का फैसला किया गया. हिरासत में लेने के बाद रामदेव को एक सरकारी गेस्ट हाउस में रखा गया.
आधी रात को हुए नाटक का टेलीविजन चैनलों पर सीधा प्रसारण हुआ. रामदेव के समर्थकों ने पुलिस कार्रवाई का विरोध करना शुरू कर दिया जबकि कुछ बुजुर्ग लोग आंसू गैस के प्रभाव से बेहोश हो गए. पुलिस ने यह कार्रवाई योग शिविर की अनुमति रद्द करने के बाद की और रामलीला मैदान में धारा 144 लगा दी गई.
इसके बाद एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि अनशन कार्यक्रम को खत्म करने के लिए एक राजनीतिक फैसला किया गया.