बिहार के आरा में शुक्रवार सुबह रणवीर सेना के प्रमुख रहे ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या कर दी गई. मुखिया की हत्या के बाद शहर में उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था जिसे अब हटा लिया गया है.
ब्रम्हेश्वर मुखिया सुबह की सैर के लिए निकले थे. उसी दौरान कुछ लोगों ने उनके ऊपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं.
मौके पर ही ब्रम्हेश्वर मुखिया की मौत हो गई. आपको बता दें कि ब्रम्हेश्वर मुखिया 9 साल जेल की सजा काटने के बाद बेल पर रिहा हुए थे. उन्होंने किसानों के लिए एक गैर राजनीतिक पार्टी बनाई थी.
बहरहाल ब्रह्मेश्वर सिंह की हत्या के बाद पूरे आरा शहर में तोड़फोड़ और उपद्रव हो रहे हैं. हजारों की संख्या में जुटे रणवीर सेना समर्थकों ने विरोध में कई सरकारी कार्यालयों और स्टेशनों पर आगजनी और तोड़फोड़ की.
आक्रोशित लोगों ने घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक एस आर नायक और भाजपा विधायक संजय सिंह टाइगर के साथ भी धक्का मुक्की की. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उपद्रवियों ने शहर में जगह जगह पर चक्का जाम कर दिया है और आगजनी शुरू कर दी है.
उन्होंने बताया कि उपद्रवियों ने स्थानीय सर्किट हाउस में आग लगा दी जहां मुख्यमंत्री अपनी आगामी सेवा यात्रा के दौरान ठहरने वाले थे.
ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या के विरोध में उनके समर्थकों ने कृषिभवन, आरा प्रखंड विकास पदाधिकारी के कार्यालय और आरा स्टेशन में तोड़फोड़ और आगजनी की.
सूत्रों ने बताया कि उपद्रवियों ने आरा डेयरी के चार वाहनों में आग लगा दी और सड़कों पर अवरोध लगाकर चक्काजाम कर दिया है.
रणवीर सेना के प्रवक्ता अजय सिंह ने बताया कि संगठन के समर्थक औरंगाबाद, सासाराम, जहानाबाद, अरवल और गया से आज आरा में जुटेंगे जहां आगे की रणनीति तय की जाएगी.
गौरतलब है कि ब्रह्मेश्वर मुखिया ने ऊंची जाति के जमींदारो की प्राइवेट आर्मी रणवीर सेना की शुरुआत की थी.
इस संगठन का नाम कई नरसंहार से जोड़ा गया जिनमें लक्ष्मणपुर बाथे में 61 दलितों की हत्या और 1996 में बथानी टोला में 21 दलितों की हत्या सबसे कुख्यात थे.