गुड़गांव में रैपिड मेट्रो का ट्रायल शुरु हो गया है. पूरी तरह से प्राइवेट फंडेड रैपिड मेट्रो दिल्ली मेट्रो के लिए फीडर का काम करेगी. गुड़गांव के लोगों को इसका सफर करने के लिए अगले साल मार्च तक इंतजार करना होगा.
हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने इसके ट्रायल रन का उद्घटान किया. पहले चरण में रैपिड मेट्रो का छह किलोमीटर लंबा ट्रैक बनाया गया है.
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इसके बाद दूसरे फेज में रैपिड मेट्रो का 7 किलोमीटर लंबा रूट बनना शुरु होगा. रैपिड मेट्रो का किराया एक स्लैब में होगा. हुड्डा ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मुहैया करने के लिए मेट्रो और ‘पोड टैक्सी’ जैसी एक योजना बनाई है.
हरियाणा सरकार अपने बड़े शहरों और गुड़गांव में पोड टैक्सी चलाने पर गंभीरता से विचार कर रही है. हुड्डा ने रैपिड मेट्रो के परीक्षण परिचालन को हरी झंडी दिखाने के बाद इस बारे में जानकारी दी. रैपिड मेट्रो देश में सरकारी निजी साझेदारी (पीपीपी) पर अपने तरह की पहली परियोजना है.
रैपिड मेट्रो गुड़गांव कॉरिडोर का निर्माण 1,088 करोड़ की लागत से किया जा रहा है और यह 5. 1 किलोमीटर लंबी है. इस कॉरीडोर के मार्च 2013 में पूरा होने की उम्मीद है.
अधिकारियों ने बताया कि रैपिड मेट्रो का किराया दिल्ली मेट्रो के बराबर होगा. उन्होंने रैपिड मेट्रो विस्तार परियोजना की आधारशिला भी रखी जो जुलाई 2015 तक पूरी होगी.