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बिना बारी के स्पेक्ट्रम आवंटन और जमाखोरी से जुड़ा है सारा घपला: टाटा

देश के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घपले में मीडिया में अप्रमाणित तथ्यों पर आधारित कतिपय रपटों पर चिंता जताते हुए कहा है कि दरअसल इस पूरे मामले के पीछे बिना बारी के स्पेक्ट्रम आवंटन तथा कुछ बड़ी कंपनियों द्वारा नि:शुल्क स्पेक्ट्रम की जमाखोरी जैसे मुद्दे अहम हैं.

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देश के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घपले में मीडिया में अप्रमाणित तथ्यों पर आधारित कतिपय रपटों पर चिंता जताते हुए कहा है कि दरअसल इस पूरे मामले के पीछे बिना बारी के स्पेक्ट्रम आवंटन तथा कुछ बड़ी कंपनियों द्वारा नि:शुल्क स्पेक्ट्रम की जमाखोरी जैसे मुद्दे अहम हैं.

टाटा ने कहा है कि लेखापरीक्षक से इस घपले की जांच करवाई जानी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो. साथ ही उन्होंने कहा मीडिया में किए जा रहे हमले बंद हो क्योंकि दोष सिद्ध होने तक सभी निर्दोष हैं.

टाटा ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कतिपय अप्रमाणित तथ्यों के आधार पर किये जा रहे मीडिया हमलों को तुरंत बंद किये जाने की जरुरत बताई. उन्होंने कहा है कि ‘हमें कमजोर, अराजकता वाले राष्ट्र (बनाना रिपब्लिक) की तरह व्यवहार नहीं करना चाहिये, इस तरह के हमले बंद होने चाहिये.’

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टाटा ने निजी टेलीविजन चैनल के साथ बातचीत में कहा ‘जब तक कोई कानून की अदालत में दोषी सिद्ध नहीं होता है, मेरा मानना है और यह हर भारतीय का अधिकार है कि वह निर्दोष है, खुलेआम इस तरह से (दोषारोपण) यह ठीक नहीं है.’{mospagebreak}

टाटा ने कहा कि सरकार को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में लेखापरीक्षक को बुलाकर उसकी जांच करानी चाहिये और जो भी दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ कारवाई होनी चाहिये. लेकिन, उन्होंने अनाधिकृत टेप के आधार पर अप्रमाणित तथ्यों को लेकर मीडिया में किये जा रहे हमलों पर गहरी चिंता जताई.

टाटा ने कहा ‘‘मेरा मानना है कि हम बुरे दौर से गुजर रहे हैं. मैं चाहता हूं कि सरकार निर्णय ले, लेखापरीक्षक को बुलाये और जांच कराये, जिन लोगों ने कुछ भी गलत किया है उन्हें दंडित किया जाये.’ उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति को देखकर पूरी तरह भ्रम का वातावरण बन गया है. ‘कुछ दिन पहले ही हम शीर्ष स्तर पर थे, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत की प्रशंसा कर रहे थे, वह भारत को उभरती ताकत नहीं बल्कि बन चुकी ताकत बता रहे थे.’

दुखी टाटा ने कहा कि उसके बाद घटनाक्रम ऐसा घूमा कि हम आरोप प्रत्यारोप के दलदल में फंस गये, एक के बाद एक अनाधिकृत टेप जारी किये जा रहे हैं, मीडिया इन्हें लेकर उतावला बन बैठा है, आरोप, दोषारोपण, दंडित करना, आपकी पूरी तरह से चरित्र हत्या तक हो रही है.

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उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर कथित स्पेक्ट्रम घोटाले के पीछे का मामला बिना बारी के स्पेक्ट्रम आवंटन और कुछ बडे खिलाडियां द्वारा बिना किसी शुल्क के इसकी जमाखोरी करने से जुडा है. सरकार को कानून का राज स्थापित करते हुये अपनी भूमिका निभानी चाहिये. ‘कोई भी कानून से उपर नहीं है, मैं भी इसके लिये तैयार हूं, लेकिन कुछ लोग ऐसा नहीं होने देना चाहते हैं.’ सरकार को अपना काम करना चाहिये.

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