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केंद्र प्रायोजित योजनाओं की संख्या में कमी हो: नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि राज्यों के लिए बनने वाली केंद्र प्रायोजित योजनाओं की संख्या को केंद्र को कम करना चाहिए और हर प्रदेश के हिसाब से उसका मानदंड तय होना चाहिए.

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि राज्यों के लिए बनने वाली केंद्र प्रायोजित योजनाओं की संख्या को केंद्र को कम करना चाहिए और हर प्रदेश के हिसाब से उसका मानदंड तय होना चाहिए.

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नीतीश ने कहा कि हर पैर में एक ही साइज का जूता फिट नहीं बैठता. हर राज्य की जरूरतें अलग-अलग होती है. उसी हिसाब से राज्यों के लिए योजनाएं बनायी जानी चाहिए. केंद्र प्रायोजित योजनाओं की संख्या में कमी लायी जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि मंगलवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश से उनकी मुलाकात होगी और वह केंद्रीय योजनाओं का मुद्दा विचार विमर्श के दौरान रखेंगे. राज्यों को अपनी जरूरत के हिसाब से योजना बनाने की छूट होनी चाहिए.

बिहार में बिजली की किल्लत के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार को केंद्र की ओर से कोटे की बिजली नहीं मिल रही है. हम अपने बिजली उत्पादन संयंत्रों की क्षमता का विस्तार और जीर्णोद्धार करना चाहते हैं, उसमें भी केंद्र की ओर से सहयोग नहीं मिल रहा है.

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नीतीश ने कहा कि बिजली की किल्लत दूर करने के लिए राज्य भविष्य की कार्ययोजना बना रहा है, जिसमें केंद्र बाधा डाल रहा है. कोल लिंकेज नहीं दिया जा रहा है, हम नये बिजली संयंत्र स्थापित कर रहे हैं. सरकारी क्षेत्र के बरौनी और कांटी पावर प्लांट का विस्तार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि केंद्र और बिहार मिलजुलकर ही राज्य के बिजली संकट को दूर कर सकते हैं.

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