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टाटा मोटर्स को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, सिंगूर में यथास्थिति का आदेश

सिंगूर मामले में ममता बनर्जी को करारा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट से टाटा मोटर्स की याचिका पर अं‍तरिम राहत दे दी है. कोर्ट ने कहा है कि सिंगूर में यथास्थिति बनी रहेगी. कोर्ट के इस आदेश के बाद ममता की सरकार अब किसानों को फिलहाल जमीन वापस नहीं कर सकती है.

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रतन टाटा
रतन टाटा

सिंगूर मामले में ममता बनर्जी को करारा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट से टाटा मोटर्स की याचिका पर अं‍तरिम राहत दे दी है. कोर्ट ने कहा है कि सिंगूर में यथास्थिति बनी रहेगी. कोर्ट के इस आदेश के बाद ममता की सरकार अब किसानों को फिलहाल जमीन वापस नहीं कर सकती है.

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टाटा के वकील ने कहा कि इस मामले को लेकर हम कोर्ट में गए. कोर्ट ने हमारी बात सुनी और इस मामले में अंतरिम राहत दी है. टाटा के वकील का कहना था कि पश्चिम बंगाल सरकार किसानों को बुलाकर इस मामले पर बात कर सकती लेकिन जमीन वापस किसानों के बीच नहीं बांट सकती है.

न्यायाधीश पी. सतशिवम तथा न्यायाधीश ए.के. पटनायक ने कहा, ‘अंतरिम आदेश के तहत हम राज्य सरकार को यह निर्देश देते हैं कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के अगले आदेश तक वह सम्बद्ध किसानों को जमीन नहीं लौटाये.’ साथ ही खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि यह 'अंतरिम व्यवस्था' है और वह मामले के गुण-दोष के बारे में कोई राय नहीं जता रही है.

न्यायालय ने कहा ने कहा कि वह 'सीमित अंतरिम आदेश' पारित कर रही है और उच्च न्यायालय से मुख्य मामले में आगे सुनवाई करने को कहती है जिसमें टाटा ने जमीन वापस लेने तथा उसे किसानों को वापस लौटाने को लेकर ममता बनर्जी सरकार द्वारा बनाये गये नये कानून को चुनौती दी है. हालांकि, इस आदेश के कुछ घंटे बाद ही मुख्यमत्री ने कहा कि शीर्ष अदालत ने भूमि सर्वे तथा भूमि वितरण प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई है.

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उधर, सिंगूर से मिले समाचार के अनुसार चूंकि इस आशय के आदेश की प्रति अधिकारियों को नहीं मिली है. सर्वे तथा जमीन समतल करने का काम जारी है, इस बीच वहां 150 किसानों ने अपनी संपत्ति का पुन:दावा करते हुए फार्म जमा कराए हैं.

सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मामले के गुण दोष के बारे में टिप्पणी करने से खुद को दूर रखा और कहा कि चूंकि मुख्य मामला उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित हैं, वह उनमें जाने की मंशा नहीं रखती. खंडपीठ ने कहा कि यह राजनीतिक मुद्दे का सवाल नहीं है बल्कि अधिकारों से जड़ा मामला है.

राज्य सरकार की ओर से मामले में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पीपी राव ने कहा कि जब तक उच्च न्यायालय मामले में फैसला नहीं दे देता, जमीन राज्य सरकार के कब्जे में रहेगी. न्यायालय ने कहा कि वह मामले में अंतरिम राहत दे रहा है. न्यायालय टाटा मोटर्स की याचिका पर सुनवाई कर रही है. इसमें कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गयी है, जिसमें कंपनी को किसी प्रकार की राहत देने से मना कर दिया गया था.

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