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किसी कीमत पर नहीं दूंगा इस्‍तीफा: ए राजा

2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में अनियमितताओं के आरोपों को लेकर विपक्ष के हमलों से अविचलित दूरसंचार मंत्री ए राजा ने इस मुद्दे पर इस्तीफा देने की संभावनाओं को खारिज कर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि वह अदालत में इस बात को साबित कर देंगे कि सब कुछ कानून के मुताबिक ही हुआ है.

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2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में अनियमितताओं के आरोपों को लेकर विपक्ष के हमलों से अविचलित दूरसंचार मंत्री ए राजा ने इस मुद्दे पर इस्तीफा देने की संभावनाओं को खारिज कर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि वह अदालत में इस बात को साबित कर देंगे कि सब कुछ कानून के मुताबिक ही हुआ है.

राजा ने कहा कि उनके इस्तीफा देने का कोई सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने कहा, ‘2जी स्पेक्ट्रम का आवंटन कानून के अनुसार किया गया है.’ उल्लेखनीय है कि विपक्ष ने कल लगातार दूसरे दिन राजा के इस्तीफे की मांग को लेकर संसद की कार्यवाही ठप कर दी थी. राजा का यह बयान इस दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि इस तरह के संकेत हैं कि प्रधानमंत्री आज रात सोल से लौटने के बाद उनके (राजा) मंत्रिमंडल में बने रहने के बारे में कोई फैसला लेंगे.

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भाजपा और अन्नाद्रमुक सहित विपक्ष लगातार राजा के इस्तीफे की मांग को लेकर हमले कर रहा है. यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस्तीफा देंगे, उन्होंने कहा, ‘इसका सवाल ही कहां उठता है.’ द्रमुक के नेता ने कहा कि वह स्पेक्ट्रम आवंटन पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, क्योंकि यह मामला अदालत में चल रहा है. उन्होंने कहा कि दूरसंचार मंत्रालय द्वारा कल उच्चतम न्यायालय में जो हलफनामा दाखिल किया गया है, उसमें सब कुछ कह दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘यह पूरा मामला अदालत में लंबित है, इसलिए मेरी ओर से इस पर कुछ कहना उचित नहीं होगा. मैंने जो कुछ किया, वह कानून के अनुसार किया.’

राजा ने कहा, ‘2008 में नई कंपनियों को 2जी स्पेक्ट्रम का आवंटन 1999 की नई दूरसंचार नीति के अनुरूप किया गया था.’ नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में अनियमितताओं के लिए राजा पर उंगली उठाई है. कैग ने कहा है कि 2008 में 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी न किए जाने से सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है.

राजा ने कहा कि 1999 की नीति के तहत सरकार के फिक्स्ड लाइसेंस शुल्क से राजस्व भागीदारी व्यवस्था की ओर जाने के समय भी कैग ने इसी तरह की प्रतिकूल टिप्पणी की थी. कैग की रिपोर्ट के बाद इस नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और 1999 के बाद से सभी मंत्री इसी नीति का पालन कर रहे हैं.

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अन्नाद्रमुक नेता जयललिता द्वारा उनके इस्तीफे की मांग तथा केंद्र सरकार को समर्थन की पेशकश पर राजा ने कहा कि उनको ऐसी पेशकश करने का कोई नैतिक आधार नहीं है, क्योंकि वह खुद की भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हैं.

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