मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये है कि भू-राजस्व संहिता में संशोधन कर राजस्व प्रकरणों के निराकरण की प्रक्रिया का सरलीकरण करें.
मुख्यमंत्री ने यहां राजस्व एवं पुनर्वास विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि स्कूल, खेत, रास्ते, तालाब, श्मशान आदि के अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई प्राथमिकता से की जाये.
चौहान ने बैठक में निर्देश दिये कि जिन प्रकरणों मे जेट्रोफा लगाने के लिये शासकीय भूमि आवंटित की गयी है और काम नहीं किया गया, उसमे आवंटन निरस्त कर भूमि वापस ली जाये. उन्होने कहा कि राजस्व नक्शों की डिजिटाइजेशन का कार्य शीघ्र पूरा करें और राजस्व अधिकारियों के कैडर मैनेजमेंट की कार्रवाई कर रिक्त पदों की पूर्ति शीघ्र की जाये.
उन्होने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लम्बे समय से आवास बनाकर रह रहे गरीबों को पट्टे देने का कार्य समय-सीमा में करें. सिंधी समाज के विस्थापितों को पट्टे देने का कार्य शीघ्र पूरा किया जायें. बैठक में बताया गया कि प्रदेश में प्रत्येक पटवारी को एक-एक लैपटाप दिया जायेगा, जिससे हर वर्ष पांच करोड़ रुपये मूल्य के कागज की बचत होगी.
इसके अलावा प्रत्येक तहसील में खड़ी फसल के सीमांकन के लिये इलेक्ट्रानिक टोटल मशीन दी जायेगी. पटवारियों के रिक्त 2709 पद आनलाइन परीक्षा से भरे जायेंगे, यह व्यवस्था करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा. कम्प्यूटराईज्ड खसरे की नकल सभी खाताघारकों को देने का कार्य आगामी जनवरी तक पूरा किया जायेगा.