माकपा ने माओवादियों के साथ वार्ता में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को मध्यस्थ के तौर पर स्वीकार करने से वस्तुत: इंकार कर दिया क्योंकि मध्यस्थ निष्पक्ष होना चाहिए.
माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य मोहम्मद सलीम ने यहां संवाददाताओं से कहा कि अगर कोई किसी वार्ता में मध्यस्थ होना चाहता है तो उसे निष्पक्ष होना चाहिए. मध्यस्थ सबको स्वीकार्य होना चाहिए. ममता बनर्जी के मध्यस्थ बनने पर हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उनके बयान माओवादियों के समर्थन में हैं.
उन्होंने कहा कि माओवादियों और तृणमूल कांग्रेस के बीच संपर्क है और उनका विभिन्न स्तरों पर संवाद है. सलीम ने आरोप लगाया कि ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना में सीबीआई द्वारा वांछित कुछ लोगों को नौ अगस्त को लालगढ़ में हुई ममता की रैली में देखा गया.