अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाले समूह की राजनीतिक महात्वाकांक्षाओं से अपने आपको दूर करने का वस्तुत: संकेत देते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि राजनीति लोगों को एक बेहतर भविष्य नहीं देगा और उनके साथ भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम से जुड़ने की योजना बना रहे लोगों को रालेगण सिद्धि में संपर्क करने को कहा है.
अबतक, हजारे की अगुवाई वाले आंदोलन का मुख्यालय दिल्ली में था और यह गैर पंजीकृत संस्था इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले चल रहा था, जिसका नियंत्रण केजरीवाल के हाथों में माना जाता है. पिछले तीन दिनों में दूसरी बार हजारे भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को लेकर टिप्पणी की है.
इस टिप्पणी को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि हजारे ने अपने आंदोलन से जुड़ना चाहने वाले लोगों से अपने संपर्क स्थल रालेगण सिद्धि में भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन का पता दिया है.
ब्लॉग में हजारे ने कहा है कि सत्तारूढ और विपक्षी पार्टियां भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए जरा भी गंभीर नहीं है और हाल में चंदे को लेकर हुए खुलासे में भी चंदा देने वालों को लेकर जानकारी अस्पष्ट है.
हजारे ने कहा है कि सत्तारूढ पार्टी और कुछ अन्य का कहना है कि एफडीआई से देश के आर्थिक हालात में बदलाव होगा जबकि विरोधियों का कहना है कि यह देश के लिए नुकसानदेह होगा. दोनों पक्ष 2014 चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह कवायद कर रहे हैं.
उन्होंने कहा है, ‘कई क्षेत्रीय पार्टियों के संसद में आठ से 20-25 सांसद हैं और वे पैकेज के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं. इस तरह के लोग समाज की बेहतरी के लिए क्या करेंगे.’
हजारे ने कहा कि राजनीति लोगों को एक बेहतर भविष्य नहीं देगा. सरकार को निशाना बनाने की आंदोलन की प्रकृति बदलनी चाहिए क्योंकि इससे कुछ फर्क नहीं पड़ेगा. इसके स्थान पर संसद में अच्छे लोगों को भेजा जाना सुनिश्चित करना चाहिए.
हजारे ने कहा कि देश कठिन दौर से गुजर रहा है और आरोप लगाया कि कोई भी पार्टी इस समय देश को आगे ले जाने के लिए जिम्मेदारी संभालने को तैयार नहीं दिखती.
एफडीआई पर हालिया फैसले पर उन्होंने टिप्पणी करते हुए दावा किया कि इससे देश की आर्थिक स्थिति में कुछ भी बदलाव नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि जब तक आप भ्रष्टाचार का खात्मा नहीं होता देश की आर्थिक स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा.