मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस वाई कुरैशी ने साफ कर दिया है कि राइट टू रिकॉल जैसे किसी भी प्रावधान पर वो नहीं सोच रहे हैं. उनका कहना है कि ये कानून बेहद अव्यवहारिक है.
हालांकि, राइट टू रिजेक्ट के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये फैसला तो सरकार को करना है. पिछले 10 साल से मसौदा विचाराधीन है.
आनेवाले राज्य चुनावों के दौरान राइट टू रिजेक्ट लागू करने की खबरों को सीईसी ने फिलहाल खारिज कर दिया है.