अन्ना हजारे ने यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर लगे आरोपों की न्यायिक जांच की मांग की है. रालेगण में अन्ना ने कहा कि जांच से ही दूध का दूध पानी का पानी होगा. शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण के इन आरोपों ने राजनीतिक तूफान ला दिया कि रॉबर्ट वाड्रा को प्रमुख रियलिटी कंपनी डीएलएफ ने भारी फायदा पहुंचाया है.
रॉबर्ट वाड्रा से केजरीवाल ने पूछे पांच सवाल
अन्ना हजारे ने कहा कि जांच से ही अरविंद केजरीवाल के आरोपों का सच सामने आएगा और यदि केजरीवाल के आरोप गलत साबित हुए तो उन पर मानहानि का मुकदमा चलाया जाए.
टीम केजरीवाल ने रॉबर्ट वाड्रा पर लगाया घोटाले का आरोप
इस बीच कांग्रेस ने इन आरोपों को ‘बेबुनियाद और गैरजिम्मेदाराना’ करार दिया जबकि बीजेपी ने इस मामले में जांच की मांग की.
केजरीवाल और भूषण ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया कि वड्रा ने वर्ष 2007 से 2010 के बीच डीएलएफ द्वारा दिये गये 65 करोड़ रूपये के ‘बिना किसी सुरक्षा गारंटी के ब्याज मुक्त कर्ज’ से करोड़ों रूपयों की संपत्ति खरीदी.
उन्होंने दावा किया कि वड्रा ने अपनी और अपनी मां की केवल 50 लाख रूपये की पूंजी वाली कंपनियों के साथ डीएलएफ से ऋण हासिल किया.
पार्टी की घोषणा से पहले अन्ना से मिले केजरीवाल
प्रियंका गांधी से शादी करने वाले 43 वर्षीय वड्रा राजधानी में नहीं थे और उनसे जुड़े सूत्रों का कहना है कि फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनावों से पहले इस तरह के आरोपों का आना यह दिखाता है कि खुद को राजनीतिक पार्टी की शक्ल देने का दावा करने वाला यह सिविल सोसायटी समूह भाजपा की बी टीम से ज्यादा कुछ नहीं है.