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रूस ने विजय दिवस पर सैन्य ताकत का किया प्रदर्शन

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नाजी जर्मनी पर मिली जीत की 66वीं वषर्गांठ मनाने के लिए रूस की राजधानी मास्को स्थित ऐतिहासिक लाल चौक पर करीब 20 हजार सैनिकों के मार्च के साथ देश की नवीनतम सैन्य और परमाणु ताकत का प्रदर्शन किया गया.

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द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नाजी जर्मनी पर मिली जीत की 66वीं वषर्गांठ मनाने के लिए रूस की राजधानी मास्को स्थित ऐतिहासिक लाल चौक पर करीब 20 हजार सैनिकों के मार्च के साथ देश की नवीनतम सैन्य और परमाणु ताकत का प्रदर्शन किया गया.

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विजय दिवस परेड देखने के लिए राष्ट्रपति दमित्रि मेदवेदेव, प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन के अलावा देश के शीर्ष नेता उपस्थित थे. इसके साथ ही इस परेड में युद्ध में हिस्सा ले चुके सैन्यकर्मियों, विदेशी राजनयिकों को भी आमंत्रित किया गया था. रक्षा मंत्री अनातोली सर्दयुकोव ने पारंपरिक तौर पर ब्रेजनेव काल की काले रंग की लिमोजीन कार में बैठकर सभी सैन्य इकाई के पास जाकर निरीक्षण किया.

पहली बार इस परेड में रूसी सैनिक अपनी नयी वर्दी पहनकर शामिल हुए. यह वर्दी नाइट विजन उपकरणों को धोखा देने में सक्षम हैं. इस परेड का रूस के मुख्य टेलीविजन चैनलों ने सजीव प्रसारण किया. इसमें रूस के त्वरित कार्रवाई विशेष सैनिकों को भी पेश किया गया.

इस परेड में 100 सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन किया गया जिसमें टोपोल एम अंतरमहाद्वीपीय प्रक्षेपास्त्र और मुख्य युद्धक टैंक टी-90 शामिल थे. इस दौरान पहली बार पैंत्सिर एक गन मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम का प्रदर्शन भी किया गया जिसे एस-400 एयरोस्पेस रक्षा प्रक्षेपास्त्र की सुरक्षा के लिए विकसित किया गया है.

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मेदवेदेव ने कहा, ‘महान विजय से प्राप्त शांति की बनाये रखना हमारा कर्तव्य है.’ उन्होंने इसके साथ ही पूर्व सोवियत संघ से अलग हुए देशों के नेताओं को विजयदिवस की बधाई संदेश भेजे.

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