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हंगामे के बीच राज्‍यसभा में प्रमोशन में रिजर्वेशन बिल पेश

जोरदार हंगामे के बीच राज्‍यसभा में प्रमोशन में रिजर्वेशन विधेयक पेश हो गया है. इस दौरन समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के सांसदों के बीच हाथापाई भी हुई.

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जोरदार हंगामे के बीच राज्‍यसभा में प्रमोशन में रिजर्वेशन विधेयक पेश हो गया है. इस दौरन समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के सांसदों के बीच हाथापाई भी हुई.

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बिल पेश करने के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल बिल का विरोध करने के लिए जैसे ही उठे, बीएसपी के अवतार सिंह ने उन्‍हें रोकने की कोशिश की. इस क्रम में दोनों सांसदों के बीच धक्‍का-मुक्‍की भी हुई. हालांकि इस प्रकार की घटना अभी तक राज्‍यसभा में देखने को नहीं मिली थी.

प्रमोशन में रिजर्वेशन विधेयक पर बीएसपी अध्‍यक्ष मायावती ने कहा कि विपक्ष की मंशा नहीं है कि बिल पारित हो इसलिए वह संसद में हंगामा कर रही है. इसी प्रकार का आरोप मायावती ने एसपी नेता मुलायम सिंह पर भी लगाया. मायावती ने कहा कि एससी एवं एसटी के लिए यह काफी महत्‍वपूर्ण विधेयक है इसलिए सभी दलों को चाहिए कि वह इसे मिलजुलकर पारित कराएं.

देश के कई राजनीतिक दल नहीं चाहते हैं कि प्रमोशन में रिजर्वेशन बिल संसद में पारित हो. इन दलों में शिवसेना और एसपी प्रमुख हैं. समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने तो यहां तक कहा है कि यह बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है.

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हंगामे के बीच सपा सदस्यों ने संविधान (117वां संशोधन) विधेयक, 2012 पेश करने वाले कार्मिक, प्रशिक्षण एवं लोक शिकायत राज्य मंत्री वी नारायणसामी की ओर बढ़ने का प्रयास किया. लेकिन सत्तापक्ष के सदस्यों की मुस्तैदी के कारण सपा सदस्य उन तक नहीं पहुंच सके.

नारायणसामी पहली दो पंक्तियों में नहीं बैठकर तीसरी पंक्ति में बीचोंबीच बैठे थे और उन्हें सत्तापक्ष के सदस्य घेरे हुए थे ताकि विधेयक विरोधी सदस्यों को उन तक पहुंचने की आशंका को टाला जा सके. विधेयक पेश किए जाने से पहले ही सदन में गहमागहमी थी.

सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जब फिर शुरू हुयी तो उपसभापित पी जे कुरियन ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. इसी बीच सपा के नरेश अग्रवाल और बसपा के अवतार सिंह करीमपुरी आपस में उलझ गए.

करीमपुरी ने न केवल अग्रवाल बल्कि सपा के अन्य सदस्यों को भी आसन के समक्ष जाने से रोकने का प्रयास किया. करीमपुरी ने अग्रवाल का हाथ पकड़ने का प्रयास किया जिसका अग्रवाल और सपा के अन्य सदस्यों ने विरोध किया. बाद में बसपा के सदस्यों ने करीमपुरी को शांत कराया. इसके बाद सपा के सदस्य आसन के समक्ष जमा हो गए और प्रोन्नति में आरक्षण का विरोध करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी.

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