उच्चतम न्यायालय ने सर्कस में बच्चों को नौकरी पर रखे जाने पर आज रोक लगा दी और सरकार को निर्देश दिये कि वह इस क्षेत्र में काम कर रहे बच्चों को मुक्त कराये और उनके लिये पुनर्वास कार्यक्रम बनाये.
न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि बच्चों के मूल अधिकारों का संरक्षण करने के लिये यह जरूरी है कि सरकार इस क्षेत्र में बच्चों को काम पर रखने पर प्रतिबंध लगाती अधिसूचना जारी करे.
शीर्ष अदालत ने सर्कसों में काम करने वाले बच्चों को मुक्त कराने के लिये छापे मारने और उनके लिये उचित पुनर्वास कार्यक्रम बनाने के सरकार को निर्देश दिये.
न्यायालय ने यह आदेश गैर-सरकारी संगठन ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की याचिका पर दिया जिसमें सर्कस में काम करने वाले 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मुक्त कराने और उनका पुनर्वास करने के सरकार को निर्देश देने की मांग की गयी.
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि आदेशों के अनुपालन के लिये उठाये गये कदमों के बारे में सरकार 10 सप्ताह के भीतर व्यापक शपथ-पत्र दाखिल करे. इस मामले में अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी.