उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को वाईएसआर कांग्रेस के नेता वाईएस जगनमोहन रेड्डी की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी.
न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई ने इस याचिका को खारिज करने के साथ ही जगन की एक अन्य याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा. यह याचिका जमानत के लिए दायर की गई है.
जगन की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने कहा कि आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने जमानत देने को लेकर उच्चतम न्यायालय की ओर से तय सिद्धांतों को दरकिनार किया और सीबीआई अदालत के न्यायाधीश ने भी यही किया. इस पर देश की सबसे बड़ी अदालत ने सीबीआई को नोटिस जारी किया.
जगन ने 23 जुलाई को अपनी जमानत याचिका को वापस लिया था और उच्च न्यायालय की ओर से उनकी याचिका खारिज किए जाने को चुनौती दी थी. वह आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोपी हैं. जेठमलानी ने इस आधार पर आवेदन को वापस लेने की मांग की कि वह इस मुद्दे पर संशोधित आवेदन दायर करना चाहते हैं.
बीते नौ जुलाई को जगन ने उच्चतम न्यायालय का रुख कर दलील दी थी कि सीबीआई के पास उनके खिलाफ सबूत नहीं है. जगन ने यह भी दलील दी थी कि अमीर होने अथवा सार्वजनिक जीवन में होने से उन्हें जमानत पाने के अधिकार से वंचित नहीं रखा जा सकता. इस मामले में उनके वकील सेंथिल जगदीशन की ओर से विशेष अनुमति याचिका दायर की गई थी.
इस विशेष अनुमति याचिका में जगन ने कहा था कि उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया क्योंकि वह राजनीतिक व्यक्ति हैं. आंध्र उच्च न्यायालय ने चार जुलाई को जगन की जमानत याचिका को इस आधार पर ठुकरा दिया था कि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
सीबीआई ने इस मामले में जगन को 27 मई को गिरफ्तार किया था. जगन राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाईएस राजशेखर रेड्डी के बेटे और लोकसभा के सदस्य हैं.