सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश भविष्य निधि (पीएफ) घोटाले की सुनवाई में गाजियाबाद जिला न्यायाधीश के कथित हस्तक्षेप पर जिला न्यायाधीश से स्पष्टीकरण मांगा है.
जिला न्यायाधीश विष्णु चंद्र गुप्ता पर सीबीआई जांच में बाधा पहुंचाने का आरोप है. गुप्ता से चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है. गौरतलब है कि 20 हजार करोड़ से भी अधिक के इस घोटाले में सुप्रीम कोर्ट के एक जज समेत निचली अदालतों के भी जजों के नाम शामिल हैं.
न्यायमूर्ति डीके जैन, न्यायाधीश वीएस सिरपुरकर और न्यायाधीश जीएस सिंघवी की पीठ ने कहा कि हमने मामले का अध्ययन किया है. यह न्यायिक प्रक्रिया में सीधा हस्तक्षेप है.
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने मामले को उत्तर प्रदेश से बाहर स्थानांतरित करने की भी मांग की है.
सीबीआई की याचिका पर कोर्ट ने सभी 70 आरोपियों को नोटिस जारी किया. हालांकि, स्थिति रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया. पीठ ने कहा कि हमने मामले को अभी बंद नहीं किया है और यह बाद में तय किया जाएगा कि वकीलों को यह रिपोर्ट देनी है या नहीं. कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर फैसला अभी विचाराधीन है.