उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन से जुड़े घोटाले में गिरफ्तार ललित भनोट की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और उन्हें उचित अदालत से संपर्क करने को कहा.
ललित भनोट राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के महासचिव थे. न्यायमूर्ति जेएम पांचाल और न्यायमूर्ति एचएल गोखले की पीठ ने हालांकि भनोट को उचित अदालत से संपर्क करने की अनुमति दे दी. पीठ ने भनोट को याचिका वापस लेने की अनुमति भी दे दी.
भनोट को इस साल 23 फरवरी को आयोजन समिति के पूर्व महानिदेशक वीके वर्मा के साथ गिरफ्तार किया गया था. उन्हें टाइमिंग, स्कोरिंग और रिजल्ट (टीएसआर) प्रणाली का ठेका एक स्विस कंपनी ‘स्विस टाइमिंग’ को करीब 90 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पांच जुलाई को भनोट को जमानत देने से इनकार कर दिया था. राष्ट्रमंडल आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी के करीबी सहयोगी भनोट को वर्मा के साथ स्विस टाइमिंग ओमेगा के साथ 107 करोड़ रुपए का सौदा करने पर गिरफ्तार किया गया था.
इसके पहले विशेष सीबीआई न्यायाधीश तलवंत सिंह ने भी भनोट की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. सीबीआई ने टीएसआर मामले में 20 मई को दाखिल पहले आरोपपत्र में कलमाडी, भनोट, वर्मा और आठ अन्य का नाम लिया गया था.
इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं.