सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश से जुड़े एक मामले में प्रमोशन में आरक्षण को रद्द कर दिया है. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने प्रमोशन में आरक्षण लागू किया था जिसके कारण प्रदेश के हजारों कर्मचारियों एवं अधिकारियों को प्रमोशन मिला था. प्रमोशन पाने वाले सभी आरक्षित वर्ग के थें. इसका परिणाम यह हुआ कि जूनियर कर्मचारी अपने सीनियर्स से भी सीनियर हो गए.
इससे पहले हाईकोर्ट ने इस फैसले को गलत करार दिया था इसके बाद मायावती सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाई थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इन सभी लोगों का प्रमोशन वापस लिया जाएगा. इसके अलावा लोगों के प्रमोशन वरियताक्रम के मुताबिक ही होंगे और जिनका प्रमोशन हो चुका है उनकी वरियताक्रम में वो ही जगह हो जाएगी जो पहले थी.
गौरतलब है कि कि मायावती सरकार ने राज्य कर्मचारियों की प्रोन्नति में दलितों के लिए आरक्षण का प्रावधान कर दिया था. राज्य कर्मचारियों का एक बड़ा तबका इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट गया. हाईकोर्ट ने माना भी माना था कि प्रमोशन में आरक्षण नहीं होना चाहिए. मायावती सरकार हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गयी थीं.