सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हमलों में पकड़े गए एक मात्र आतंकवादी कसाब की फांसी पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा है कि कसाब अपील का हकदार नहीं है. मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी. मामले में कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भी जारी किया है.
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मामले में दोषी ठहराए गए एकमात्र व्यक्ति कसाब ने शीर्ष अदालत में जेल अधिकारियों के जरिए याचिका दायर की है. न्यायालय ने अपील पर फैसला करने में सहायता करने के लिए राजू रामचंद्रन को न्याय मित्र नियुक्त किया है.
गत 2 सितंबर को शीर्ष अदालत ने 26 नवंबर पर हमला मामले के दो आरोपियों फहीम अंसारी और शबाउद्दीन अहमद को बरी किए जाने के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई थी.
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हालांकि, उसने कसाब पर कोई आदेश देने से तब इनकार कर दिया था जब राज्य सरकार ने दलील दी कि मौत की सजा को चुनौती देने वाले उसके पत्र को इस अपील के साथ नत्थी कर दिया जाना चाहिए. पीठ ने कहा था, ‘हम इस संबंध में (कसाब के पत्र) कदम उठा रहे हैं.’ बंबई उच्च न्यायालय ने गत 21 फरवरी को निचली अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा था जिसमें कसाब को मुंबई हमले के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी.