सामाजिक कार्यों की राह पर चलकर राजनीति में कदम रखने जा रहे अरविंद केजरीवाल ने सिंचाई घोटाला के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है.
अरविंद केजरीवाल ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के संलिप्तता के आरोपों के बीच पिछले 10 साल के दौरान महाराष्ट्र की सभी सिंचाई परियोजनाओं की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की मांग की. अजीत पवार पर 20000 करोड़ रुपये से अधिक के सिंचाई परियोजनाओं में घोटाले के आरोप हैं.
इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने लिया श्रेय
इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजीत पवार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने का श्रेय भी खुद लिया था. केजरीवाल ने पत्रकारों से कहा, 'सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश के तहत विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन हो. प्रत्येक परियोजनाओं की जांच कर कितने रुपये का घोटाला हुआ है, इसे सामने लाने की आवश्यकता है. इसके अलावा इस घोटाले में कितने नियम तोड़े गए, कितनी पर्यावरण को क्षति पहुंची और ग्रामीणों एवं आदिवासियों के अधिकारों का कितना हनन हुआ इन सब बातों को सामने लाने की आवश्यकता है.'
इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध
पवार ने मंगलवार को मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. केजरीवाल ने एनसीपी के दबाव में न आकर मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से पवार का इस्तीफा स्वीकार करने के लिए कहा.