तेजतर्रार छवि और अपने अलहदा अंदाज के लिये पहचाने जाने वाले राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने आज सपा, बसपा और अन्ना हज़ारे-पक्ष को आड़े हाथ लिया लेकिन कांग्रेस और भाजपा सहित अन्य दलों के बारे में सधी हुई प्रतिक्रिया देते नजर आये.
नोट के बदले वोट मामले में अदालत से जमानत मिलने के बाद पहली बार संवाददाताओं से रूबरू सिंह ने सपा और बसपा से ‘प्रतीकों की राजनीति’ करना बंद करने को कहा. उन्होंने अन्ना हज़ारे पक्ष से उसके राजनीतिक हित जाहिर करने को कहा, जबकि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और राकांपा प्रमुख शरद पवार की तारीफ करते नजर आये. सिंह ने नोट के बदले वोट मामले में भाजपा के बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन अन्ना हज़ारे पक्ष के सदस्यों पर चुटकी ली.
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘मुलायम सिंह यादव यह बतायें कि वह सैफई के ही यादवों यानी मुलायम, रामगोपाल, अखिलेश या धमेंद्र यादव को क्यों मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहते हैं. उन्हें आगामी चुनाव में बहुमत मिलने पर पूर्वांचल से किसी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की हिम्मत दिखानी चाहिये.’ उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार को जब ममता बनर्जी या एम करुणानिधि आंख दिखाते हैं तो सपा नेता मुलायम सिंह समर्थन देने के लिये तैयार रहते हैं.
उन्होंने मायावती सरकार की भी आलोचना करते हुए कहा कि लखनऊ और नोएडा में पार्कों’ पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिये जाते हैं लेकिन पूर्वांचल को सिर्फ 56 करोड़ रुपये का ही अनुपूरक बजट दिया जाता है. अन्ना हज़ारे पक्ष की आलोचना करने वाले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी पर कोई सीधी टिप्पणी करने से सिंह बचते नजर आये. उन्होंने कहा, ‘दिग्विजय बड़े नेता हैं और 10 वर्ष मुख्यमंत्री रहे हैं. मनीष तिवारी भी अभिजात वर्ग से हैं. लेकिन मैं अपनी हैसियत जानता हूं इसलिये इनके बारे में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा.’
नोट के बदले वोट मामले में अपने पूर्व सांसदों के बेकसूर होने के भाजपा के दावे पर अमर सिंह ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. इस मामले में आरोप पत्र दाखिल हो जाने के बावजूद उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोकमंच की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का उदाहरण दिया जिनका नाम हवाला कांड में उछला था. सिंह ने कहा, ‘आरोपों के बावजूद आडवाणी की नेतागिरी सिर्फ चल ही नहीं रही, बल्कि दौड़ रही है. जब पी वी नरसिंह राव प्रधानमंत्री थे तो उन पर भी झामुमो मामले में आरोप लगे थे.’
बहरहाल, हज़ारे-पक्ष को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि टीम अन्ना के सदस्य रहे ‘जलपुरुष’ राजेंद्र सिंह ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल अभिमानी हैं. संतोष हेगड़े ने कह चुके हैं कि अगर टीम अन्ना राजनीतिक हित साधना चाहती है तो वह जरिया नहीं बनना चाहते. उन्होंने कहा कि स्वामी अग्निवेश भी केजरीवाल पर आरोप लगा चुके हैं. किरण बेदी पर अधिक यात्रा खर्च वसूलने का आरोप लगा है.
सिंह ने कहा, ‘मैं टीम अन्ना से सवाल करना चाहता हूं कि क्या हज़ारे प्रधानमंत्री, केजरीवाल सूचना मंत्री और किरण बेदी रक्षा मंत्री या गृह मंत्री बनना चाहती हैं. हज़ारे-पक्ष राजनीतिक विकल्प नहीं देना चाहता. जब तक कोई विकल्प नहीं दे, तब तक वह भी भ्रष्ट ही समझा जायेगा.’ राकांपा प्रमुख की जाहिरा तौर पर तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, ‘हज़ारे पक्ष शरद पवार की आलोचना करता है लेकिन उन्हें बारामती जाकर देखना चाहिये कि वहां उन्होंने कितना विकास किया है. तथाकथित भ्रष्ट नेता अपने क्षेत्र के विकास का ध्यान रखता है?’
केंद्र द्वारा पश्चिम बंगाल सरकार को पैकेज दिये जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि आर्थिक खस्ताहाली से खौलते पश्चिम बंगाल में इस पैकेज से उबाल कम होगा. उन्होंने कहा कि ममता पर हर तरह के आरोप लग सकते हैं, लेकिन कोई भी उन्हें बेईमान नहीं कह सकता.
वहीं, अमर सिंह ने गृह मंत्री पी चिदंबरम से सवाल किया कि विवादास्पद सीडी मामले को दिल्ली पुलिस द्वारा सही बताये जाने के बावजूद प्रशांत भूषण और शांति भूषण जेल में क्यों नहीं हैं. सिंह ने कश्मीर संबंधी बयान के चलते प्रशांत भूषण पर हमला होने की घटना को ‘कुछ युवकों की भावनाएं’ करार दिया. शांति भूषण की अमर सिंह और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से किसी न्यायाधीश के संबंध में बातचीत होने की एक विवादास्पद सीडी सामने आयी थी.
सिंह ने कहा, ‘चूंकि दिल्ली पुलिस कह रही है कि सीडी वास्तविक है, जिसमें शांति भूषण को उनके पुत्र प्रशांत के जरिये एक न्यायाधीश को प्रभावित करने की पेशकश रखते सुना गया है, तो फिर उनकी जगह तिहाड़ जेल में है, अन्ना हज़ारे के बगल में नहीं. अगर वे मुझे जेल भेज सकते हैं तो फिर उन्हें क्यों नहीं भेजा रहा.’ उन्होंने कहा, ‘चिदंबरम प्रशांत भूषण से क्यों डर रहे हैं.’ सिंह ने कहा कि प्रशांत भूषण पर जम्मू कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की उनकी टिप्पणी को लेकर भी मुकदमा चलना चाहिये.
उन्होंने कहा, ‘भूषण पर जिस तरह हमला हुआ, उसके तरीके की मैं निंदा करता हूं लेकिन मुझे इससे कष्ट नहीं हुआ क्योंकि भूषण ने भारत के अभिन्न हिस्से कश्मीर का और कारगिल के शहीदों का अपमान किया. उन पर हमला कुछ युवकों की भावनाओं के कारण हुआ.