बिहार में इस वर्ष भाइयों की कलाई पर सचिन, सहवाग और धौनी के साथ ही मिस्टर बिन भी सजने वाले हैं. भाई-बहन के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन पर बाजार में ऐसी राखियां बच्चों की पहली पसंद बनी हुई हैं. वैसे तो सोने-चांदी की राखियां भी बाजार में उपलब्ध हैं.
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गया के बाजारों में ऐसे तो राखियां 15 दिन पूर्व ही पहुंच गई हैं परंतु ग्राहकों की कमी देखी जा रही है. गया के थोक बाजार मेंराखी विक्रता महेश कहते हैं कि मुख्य रूप से इस बाजार में कोलकता से बुटीक और जरदोजी वर्क की राखियां, अहमदाबाद और राजकोट से डोरी की राखियां, दिल्ली से स्पंज और फैंसी राखियां मंगाई जाती हैं. अलग-अलग किस्म की राखियां 10 से 500 रुपये तक में उपलब्ध हैं.
उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए बाजार में धोनी, सचिन, स्पाइडर मैन, मिस्टर बिन आदि राखियां हैं जो आकर्षण का केन्द्र बनी हुई हैं.
इधर, पटना में खुदरा और अस्थायी दुकानें हर गली और चौराहे पर सज गई हैं लेकिन इन तमाम राखियों का मुख्य स्रोत पटना का मच्छरहट्टा बाजार है. इस वर्ष राखियों के मूल्यों में 15 से 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. राखी के थोक कारोबारी कमलेश कुमार कहते हैं कि दो-तीन वर्ष पहले तक पटनिया राखी का खूब प्रचलन था परंतु अब दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता और सूरत की राखियां बाजार में आ गई हैं.
उन्होंने बताया कि बच्चों की पसंद वाली टेडी बियर राखियां 25 से 150 रुपये दर्जन तक में यहां बिक रही हैं, तो रेशम डोरी की राखियां 60 से 300 रुपये तक में उपलब्ध हैं. इनके अलावा अब बाजार में सोने-चांदी की राखियां भी बिक रही हैं.
एक सर्राफा कारोबारी के मुताबिक बाजार में सोने और चांदी की राखियां भी उपलब्ध हैं. इन राखियों को लोग दोहरा इस्तेमाल करते हैं. इनका रक्षाबंधन के दिन राखी की तरह और अन्य दिन ब्रेसलेट की तरह लोग इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने बताया कि ऐसे राखियों की कीमत उनके वजन के अनुसार निर्धारित होती हैं.
उन्होंने बताया कि आमतौर पर चांदी की राखियां 2,500 से 5,000 रुपये तक और सोने की राखियां 15,000 से 30,000 रुपये तक में बिक रही हैं. इधर, कुछ व्यापारियों का मानना है कि इस रक्षाबंधन में महंगाई की मार पड़ी है.
इधर, रक्षाबंधन त्योहार के मद्देनजर मिठाइयों की दुकानें भी सज गई हैं. पटना के चर्चित किशन स्वीट्स के मालिक गणेश बताते हैं कि मिठाई की किस्में बढ़ा दी गई हैं. उन्होंने बताया कि काजू बाइट, पिस्ता बाइट, मेवा बाइट और काजू स्ट्राबेरी को खास तौर पर रक्षाबंधन को देखते हुए तैयार किया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि रक्षाबंधन सावन महीने के पूर्णिमा को मनाया जाता है. एक ज्योतिषाचार्य के मुताबिक रक्षाबंधन भद्रा के प्रारंभ के साथ शुरू होता है. इस वर्ष भद्रा का प्रारंभ 12.07 बजे हो रहा है, जबकि पंचक काल 352 बजे प्रारम्भ होगा. इस कारण इस वर्ष 12़.07 बजे से 3.़52 तक रक्षाबंधन का उत्तम समय है.