सचिन तेंदुलकर भारत रत्न बनने के एक कदम और करीब पहुंच चुके हैं. महाराष्ट्र सरकार ने भारत रत्न के लिए आधिकारिक तौर पर सचिन के नाम का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेज दिया है.
पूरी दुनिया यह मान चुकी है कि सचिन क्रिकेट के कोहिनूर हैं. वे एक ऐसा करिश्मा हैं, जिसे न दुनिया ने पहले देखा, न सुना. इस कोहिनूर को क्रिकेट का सबसे बड़ा रत्न मानने में किसी को कोई एतराज नहीं है. तभी तो सचिन तेंदुलकर को हिंदुस्तान के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजे जाने की मांग लगातार उठ रही है.
देश के हर कोने से करोड़ों लोग इसकी आस लगाए बैठे हैं. अब सचिन के दीवानों की उम्मीदों को और मजबूती मिलेगी, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर सचिन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेज दिया है.
क्रिकेट के तमाम रिकॉर्ड्स को अपने नाम करने के बाद अब तो सचिन ने शतकों का शतक भी जड़ दिया है. हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने वर्ल्डकप की ऐतिहासिक जीत के बाद ही सचिन के लिए भारत रत्न की सिफारिश का फैसला कर लिया था.
पृथ्वीराज चव्हाण ने महाराष्ट्र विधानसभा को भी राज्य सरकार के इस प्रस्ताव की जानकारी दी. सचिन के नाम के साथ साथ महाराष्ट्र के प्रथम मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण के नाम का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार के पास भेजा गया है.
सचिन ने मैदान पर जितने रन बरसाएं हैं, जिन रिकॉर्ड्स को अपने नाम किया है, उसके एवज में देश का शायद ही ऐसा कोई सम्मान बचा है, जिसने सचिन को सम्मानित नहीं किया है. 4 साल पहले 2008 में ही सचिन को देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया जा चुका है.
सचिन ने भी कुछ दिनों पहले अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत रत्न पाना हर एक भारतीय का सपना होता है और अब तो सचिन का हर प्रशंसक भी सचिन के लिए भारत रत्न के सम्मान से कम कुछ नहीं चाहता है.