आबादी के हिसाब से ट्रेनें कम हैं. बिहार के सहरसा में ट्रेन में बैठने की जगह नहीं मिल पाई तो लोग तोड़फोड़ पर उतार आए. यहां गुस्साए लोगों ने ट्रेनों के साथ रिजर्वेशन काउंटर पर जमकर तोड़फोड़ की.
ट्रेनों की कमी की वजह से यात्रियों का सब्र ऐसा टूटा कि हंगामे में तब्दील हो गया. मुसाफिरों ने अपना गुस्सा जनसेवा एक्सप्रेस और पुरवैया एक्सप्रेस पर उतारा. इस कारण करीब तीन घंटे तक दोनों ट्रेनें स्टेशन पर खड़ी रहीं. ना तो रेलवे पुलिस ने और ना ही सहरसा जिला पुलिस ने भीड़ को शांत करने की कोशिश की.
ट्रेन पर पथराव से मन शांत नहीं हुआ तो यात्रियों ने टिकट बुकिंग ऑफिस को निशाने पर ले लिया. बुकिंग काउंटर पर मुसाफिरों ने जमकर तोड़फोड़ की. यही नहीं बुकिंग दफ्तर के बाहर खड़ी एक बाइक को भी आग के हवाले कर दिया.
यात्रियों का कहना है कि सहरसा से गुजरने वाली ट्रेनों की इतनी कमी है कि उन्हें घुसने तक की जगह नहीं मिलती. जबकि टिकट वापस करने पर नियम से ज्यादा पैसे काट लिए जाते हैं. यात्रियों की परेशानी जायज हो सकती है लेकिन इसके लिए तोड़फोड़ और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की हरकत को कैसे जाय़ज ठहराया जा सकता?