विदेश मंत्रालय का जिम्मा मिलने के घंटे भर के भीतर सलमान खुर्शीद ने रविवार को अपना कार्यभार संभाल लिया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पड़ोसी और अन्य देशों के साथ संबंधों को बेहतर बनाने की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की दूरदृष्टि के मद्देनजर वह अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करेंगे.
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कार्यभार संभालने के बाद खुर्शीद ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मेरे कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है. यह मेरा सौभाग्य होगा कि मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतर सकूं.
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खुर्शीद के लिए आने वाले दिन काफी व्यस्त रहेंगे. सोमवार को भारत दौरे पर आ रही बांग्लादेश की प्रधानमंत्री खालिदा जिया से वह मिलेंगे तो इस सप्ताह के अंत तक 19 राष्ट्रों के इंडियन ओसन रिम एसोसिएशन फॉर रिजनल कॉर्पोरेशन (आईओआर-एआरसी) सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. इस बैठक के इतर वह 10 देशों के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे.
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उन्होंने कहा कि जब अंतिम बार मैं विदेश मंत्रालय में था तब से लेकर अब तक परिस्थितियां बहुत बदल चुकी हैं. विदेश नीति में नाटकीय परिवर्तन आ चुका है और अब यह आर्थिक और सुरक्षा की ओर मुड़ गया है.
खुर्शीद ने कहा कि सीमापार आतंकवाद ने बहुत कुछ बदल दिया है और विश्व को एक गांव के रूप में तब्दील कर दिया है. हमारी अंतर्राष्ट्रीय पहचान बदल गई है और विश्व के साथ हमारी गतिविधियों ने कई दिशाएं भी बदल दी हैं.
विदेश मंत्रालय खुर्शीद के लिए नया नहीं है. इससे पहले वह पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव की सरकार में 1993 से 1996 तक विदेश राज्य मंत्री थे.