भारतीय स्टार सानिया मिर्जा और उनकी रूसी जोड़ीदार एलीना वेसनिना को फ्रेंच ओपन टेनिस टूर्नामेंट के महिला युगल फाइनल में आंद्रिया हलावाकोवा और लुसी हरादेका से शिकस्त का सामना करना पड़ा. इस हार से रोलां गैरां में भारतीय चुनौती भी समाप्त हो गयी और सानिया का दूसरा ग्रैंडस्लैम खिताब हासिल करने का सपना भी टूट गया.
उप विजेता बनने से यह भारतीय ग्रैंडस्लैम के महिला युगल में खिताब जीतने से भी महरूम रह गयी जिसमें उन्होंने पहली बार जगह बनायी थी. सानिया अपने कैरियर में तीसरी बार किसी ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में फाइनल में पहुंची. इससे पहले वह दो बार ऑस्ट्रेलियाई ओपन के मिश्रित युगल के फाइनल में भी जगह बना चुकी थीं जिसमें एक बार उन्होंने खिताब हासिल किया था.
भारत और रूस की सातवीं वरीय जोड़ी को कोर्ट सुजाने लेनग्लेन में चेक गणराज्य की गैर वरीय जोड़ी से एक घंटे 21 मिनट तक चले मुकाबले में 4-6, 3-6 से हार का मुंह देखना पड़ा. सानिया और भारत के उनके जोड़ीदार महेश भूपति 2008 में ऑस्ट्रेलियाई ओपन में उप विजेता रहे थे जबकि अगले साल इस जोड़ी ने खिताब जीता था.
फरवरी में वेसनीना के साथ जोड़ी बनाने वाली सानिया ने हालांकि एक तरह से यहां इतिहास बना दिया क्योंकि वह महिला युगल के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला हैं. सानिया और वेसनीना ने सेमीफाइनल मुकाबले में अमेरिका की लिजेल हबर और लीसा रेमंड चौथी वरीय जोड़ी को 6-3, 2-6, 6-4 से हराकर उलटफेर करते हुए टूर्नामेंट से बाहर किया और फाइनल में जगह बनायी थी. लेकिन सानिया और उनकी रूसी जोड़ीदार ने हवा भरे हालातों में अपने प्रतिद्वंद्वियों से कहीं ज्यादा असहज गलतियां की जिसका खामियाजा उन्हें खिताब गंवा कर करना पड़ा.
अब फ्रेंच ओपन में भारतीय चुनौती भी समाप्त हो गयी क्योंकि वह एकमात्र भारतीय खिलाड़ी बची थी. रोहन बोपन्ना और पाकिस्तान के आयसम उल हक कुरैशी की जोड़ी को पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में बाब ब्रायन और माइक ब्रायन की अमेरिकी जोड़ी के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी थी. लिएंडर पेस और भूपति भी पहले ही टूर्नामेंट से बाहर हो गये थे.