टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य एन संतोष हेगड़े ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह समाज के प्रतिनिधियों द्वारा लोकपाल विधेयक के लिए प्रस्तुत किए गए प्रावधानों को अलग-अलग कर अनेक विधेयक लाने की कोशिश कर रही है.
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कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त हेगड़े ने कहा, ‘अनेक विधेयक लाने की कोशिश की जा रही है.’ हेगड़े ने इशारा किया कि सरकार, सेवा का अधिकार (राइट टू सर्विस) और न्यायाधीश जवाबदेही (जजेज अकाउन्टबिलिटी) जैसे जिन विधेयकों की बात कर रही है वे टीम अन्ना द्वारा सुझाए गए प्रावधानों का ही हिस्सा हैं. उन्होंने कहा, ‘इस तरह के प्रयास हो रहे हैं जो तकलीफदेह हैं.’
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हेगड़े ने आरोप लगाया कि जन लोकपाल विधेयक को विभाजित करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि सरकार यह कह सके कि हमने इसे खारिज नहीं किया है बल्कि हम तो अलग विधेयक ला रहे हैं. उच्चतम न्यायालय के इस पूर्व न्यायमूर्ति ने कहा कि टीम अन्ना ने अपने मसौदे में न्यायाधीश जवाबदेही विधेयक को शामिल किया था और यह काफी लंबे समय से लंबित पड़ा था और कोई भी इस पर बात नहीं कर रहा था.
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इसके अलावा जिस सेवा का अधिकार विधेयक (राइट टू सर्विस बिल) की बात की जा रही है वह टीम अन्ना द्वारा प्रस्तुत सिटीजन चार्टर में शामिल है. हेगड़े ने कहा, ‘इस समय, उन्हें मजबूत लोकपाल की अपनी चिंताओं का प्रदर्शन करना चाहिए और इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. अलग से सेवा का अधिकार और न्यायाधीश जवाबदेही जैसे विधेयक बाद में लाए जा सकते हैं और एक बार यदि ये कानून में परिवर्तित हो गए तो फिर लोकपाल से इन प्रावधानों को मिटाया जा सकता है.’
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उन्होंने कहा कि सरकार के कुछ तबकों में यह बात चल रही है कि संसद में जो विधेयक पेश किया जाएगा वह टीम अन्ना द्वारा प्रस्तावित विधेयक से भी मजबूत होगा. यह महज एक अच्छी बातचीत के अलावा कुछ नहीं है और प्रमुख प्रश्न यह है कि यह कब आएगा.