फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को पाकिस्तान को हथियारों को बेचने के संदर्भ में घूसखोरी की जानकारी थी. समाचार पत्र ‘द लिबरेशन’ ने एक न्यायाधीश के हवाले से यह दावा किया है.
वर्ष 1994 में फ्रांस के बजट मंत्री के तौर पर सरकोजी ने लक्जमबर्ग स्थित कंपनी हेने के गठन की इजाजत दी थी ताकि पाकिस्तान के साथ हथियारों के सौदे के लिए बिचौलियों को अदायगी की जा सके.
उस वक्त नौकरशाह रहे जेरार्ड फिलिप मेनायास ने अपनी गवाही में कहा, ‘यह स्पष्ट है कि बजट मंत्री ने हेने के गठन की इजाजत दी थी.’ उन्होंने कहा, ‘मामले के महत्व को देखते हुए यह फैसला सिर्फ मंत्री के कार्यालय के अधिकारी ले सकते हैं.’