न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) पी बी सावंत ने कहा कि उनकी जांच में अन्ना हजारे के ट्रस्ट से उनके जन्मदिन समारोह में खर्च के लिए 2.2 लाख रुपये की राशि लिये जाने की बात भ्रष्टाचार के समान है.
उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सावंत ने टीवी चैनलों से कहा, ‘इस ट्रस्ट से उनके अपने समारोह के लिए 2.2 लाख रुपये की राशि ली गयी थी. यह साबित हो चुका है और हजारे ने इससे इनकार नहीं किया है. आप ट्रस्ट के धन का इस्तेमाल अपने निजी मकसद से नहीं कर सकते. यह भ्रष्टाचार के समान है.’ उन्होंने कहा, ‘यह केवल भ्रष्टाचार है जो साबित हो चुका है, इससे ज्यादा कुछ नहीं है.’ सावंत से जब उनकी रिपोर्ट पर कांग्रेस के रुख पर टिप्पणी मांगी गयी तो उन्होंने यह बयान दिया.
सावंत ने कहा कि महाराष्ट्र में अन्ना हजारे के पैतृक गांव में उनके जन्मदिन समारोह के लिए ट्रस्ट के धन के इस्तेमाल का केवल एक आरोप उनके खिलाफ साबित हुआ है. महाराष्ट्र सरकार ने चार मंत्रियों और हजारे के हिंद स्वराज ट्रस्ट समेत कई लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार तथा कुशासन के आरोपों में जांच के लिए सितंबर 2003 में न्यायमूर्ति पी बी सावंत के नेतृत्व में जांच आयोग का गठन किया था.
आयोग ने 22 फरवरी, 2005 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें उन्होंने हिंद स्वराज ट्रस्ट को हजारे के जन्मदिन समारोहों पर 2.2 लाख रुपये खर्च करने का दोषी ठहराया था.